बिहार में श्रमिकों से सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम कराने पर देना होगा दोगुना वेतन, बीमा कवरेज का भी मिलेगा लाभ
बिहार सरकार ने श्रमिकों के लिए नए नियम लागू किए हैं जिसके अनुसार ओवरटाइम करने पर उन्हें दोगुनी मजदूरी मिलेगी। अब श्रमिक एक दिन में 12 घंटे तक काम कर सकते हैं लेकिन सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा नहीं। ड्यूटी पर मृत्यु होने पर 4 लाख का मुआवजा मिलेगा और दुकान कर्मियों को साप्ताहिक छुट्टी मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के श्रमिकों के लिए सरकार ने उनके काम के घंटे में पारिश्रमिक को लेकर नया प्रविधान किया है।
इसके मुताबिक राज्य के कारखानों में सप्ताह में 48 घंटे से अधिक किसी श्रमिक से अगर काम लिया जाएगा, तो उसे उन घंटो के लिए दोगुनी मजदूरी देनी होगी।
वहीं, किसी श्रमिक से अब 12 घंटे तक एक दिन में काम लिया जा सकेगा, पर किसी भी सूरत में सप्ताह में यह घंटा 48 से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर प्रतिदिन कोई श्रमिक 12-12 घंटे चार दिनों तक काम करेगा तो उसे सप्ताह के शेष दिन अवकाश देना होगा।
इसको लेकर सरकार द्वारा कारखाना (बिहार संशोधन) विधेयक, 2025 को बिहार विधान मंडल में पेश किया गया। इस विधेयक को चालू मानसून सत्र में पारित कराया जाएगा। इसके बाद नियोजित श्रमिकों को अधिक ओवर टाइम करने का अवसर मिलेगा।
इसी तरह बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) विधेयक-2025 की प्रति को सदन पटल पर रखा गया। इस विधेयक के मुताबिक राज्य सरकार सभी अंशकालिक कर्मियों (गिग कामगार) का पंजीकरण कराएगी।
बीमा कवरेज की भी मिलेगी सुविधा
साथ ही इन सभी की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करेगी। बीमा कवरेज की भी सुविधा दिलाएगी। ड्यूटी पर रहते हुए आकस्मिक मृत्यु होने पर चार लाख रुपये एकमुश्त राशि उनके परिजन को अनुग्रह अनुदान के रूप में मिलेगी।
ड्यूटी पर रहते हुए दुर्घटना के मामले में एक सप्ताह से अधिक अस्पताल में भर्ती होने पर 16 हजार और इससे कम दिनों तक भर्ती होने पर 5400 रुपये दिये जाएंगे। इसको लेकर बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) विधेयक 2025 की प्रति विधानसभा में वितरित की गई।
वहीं, दुकानों और प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले को साप्ताहिक छुट्टी मिलेगी। इस छुट्टी की मजदूरी भी उन्हें मिलेगी। दुकानदारों तथा इसमें कार्य करने वालों की सहूलियत प्रदान करने समेत विभिन्न कारणों से बिहार दुकान प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) विधेयक, 2025 चलते मानसून सत्र में पारित होगा। इसके बाद यह कानून राज्य में लागू होगा।
बीमारी की छुट्टी का होगा हकदार
इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि हर कर्मचारी प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में वेतन के साथ सात दिनों की बीमारी की छुट्टी का हकदार होगा। सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे और एक दिन में नौ घंटे से अधिक किसी कर्मी से काम नहीं लिया जाएगा।
वहीं, दस से कम कर्मियों को रखने वाले दुकानों-प्रतिष्ठानों को पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं होगा। दस या इससे अधिक कर्मियों वाले दुकानों-प्रतिष्ठानों को प्रारंभ की तिथि से छह माह के अंदर पंजीकरण कराना होगा।
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