लालू की रैली से RJD में तेजस्वी युग की शुरूआत, पार्टी को दिखी नई उम्मीद
भाजपा भगाओ रैली के माध्यम से राजद में तेजस्वी युग का आरंभ होता दिख रहा है। लालू प्रसाद भी तेजस्वी को स्थापित करने की कोशिश में हैं। उधर, भाजपा रैली की आलोचना कर रही है।
पटना [जेएनएन]। पटना के गांधी मैदान में राजद की 'भाजपा भगाओ रैली' का भाजपा पर जो भी असर पड़े, इससे राजद में तेजस्वी युग के नए दौर का आरंभ होना तय माना जा रहा है। बिहार की राजनीति में तेजस्वी एक चेहरा बनकर उभरे हैं। राजद को उनमें भविष्य की उम्मीद दिख रही है। रैली स्थल पर उनके नारे व पोस्टर छाए रहे। हालांकि, रैली की टाइमिंग को लेकर हमलावर भाजपा व जदयू का कहना है कि बिहार में अभी बाढ़ का दौर है, ऐसे में राजनीति ठीक नहीं।
बिहार में महागठबंधन में डिप्टी सीएम रहे लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने अपने छोटे से कार्यकाल में छाप छोड़ी। राजद के कद्दावर नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह सहित बड़े नेताओं ने समय-समय पर माना कि तेजस्वी में राजद का भविष्य छिपा है। लालू को भी उनमें राजनीतिक उत्तराधिकारी नजर आया।
नजर आई तेज-तर्रार नेता की छाप
रैली में जिस अंदाज में तेजस्वी ने जनता को संबाेधित किया, उसकी तारीफ की गई। सधे शब्दों में सीधा हमला करते तेजस्वी किसी तेज-तर्रार नेता से कम नहीं लग रहे थे। हमले के केंद्र में नीतीश ही थे। नीतीश के साथ उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा।
लालू का मकसद, तेजस्वी को स्थापित करना
लालू यादव चारा घोटाला में सजा के कारण तथा भ्रष्टाचार के कई अन्य मामलों में फंसने के कारण चुनाव नहीं लड़ सकते। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उनका मकसद अपने बाद तेजस्वी को राजनीति में स्थापित कर देना है। लालू ने इसे ध्यान में रखकर हाल ही में 'जनादेश अपमान यात्रा' में तेजस्वी को पहले भेजा था। रैली में भीड़ को लेकर लालू यही कहते रहे कि तेजस्वी ही भीड़ को बुला रहा है। बाद में उन्होंने 30 लाख की भीउ़ का दावा किया।
राजद की रैली इस मायने में खास रही कि लालू प्रसाद यादव ने अपनी सियासी ताकत का प्रदर्शन कर पूरे देश में भाजपा विरोधी पार्टियों को गोलबंद करने की कोशिश की। इसके साथ ही तेजस्वी यादव भाजपा विरोधी चेहरे के रूप में सामने आते दिख रहे हैं। साथ ही पार्टी में उनकी स्वीकार्यता बढ़ेनी तय मानी जा रही है। तेजस्वी में समर्थक देख रहे भविष्य
रैली में आने वाले समर्थक भी तेजस्वी में भविष्य का चेहरा देखते मिले। मधेपुरा से आए संजय यादव, पूर्वी चंपारण के सियाराम सिंह, अररिया के शमशाद आदि वैसे समर्थकों के प्रतिनिधि हैं, जो तेजस्वी में भविष्य का मुख्यमंत्री देख रहे हैं। अनेक समर्थकों के अनुसार लालू के बाद राजद का नेतृत्व तेजस्वी ही करने वाले हैं।
बैनर-पोस्टर व नारों में छाए तेजस्वी
रैली की बात करें तो आज तेजस्वी को केंद्र में रख कर नारे लिखे दिखे। मंच पर सबसे बड़ा कट-आउट तेजस्वी का ही था। कह सकते हैं कि राजद की इस रैली के साथ राजद में तेजस्वी के नए युग की शुरूआत होती दिख रही है।
सुशील मोदी बाले, लालू को बाढ़ पीडि़तों की नहीं, रैली की चिंता
रैली को लेकर राजद की तैयारियां जो भी रही हाें, राजग उसके खिलाफ रही। रैली के पहले भाजपा नेता व बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राजद अध्यक्ष लालू यादव पर तंज कसा कि एक ओर बिहार बाढ़ से जूझ रहा है तो दूसरी ओर लालू प्रसाद रैली कर रहे हैं। उन्हें पीड़ितों का दर्द की चिंता नहीं, वे रैली को लेकर परेशान हैं।
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