आपस में उलझे एनडीए के घटक दल, मांझी ने नापा चिराग का अनुभव; सांसद ने याद दिलाया इस्तीफे वाला दिन
लोजपा (रा) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा आपस में उलझने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। मांझी ने चिराग पासवान के बारे में कहा था कि उनमें अनुभव की कमी है। लोजपा (रा) के सांसद अरुण भारती ने कहा- बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले इस्तीफा देने का अनुभव वाकई चिराग के पास नहीं है।

राज्य ब्यूरो, पटना। एकता के दावे के बावजूद राज्य में एनडीए के दो घटक दल लोजपा (रा) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा आपस में उलझने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। मोर्चा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने एक दिन पहले लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बारे में कहा था कि उनमें अनुभव की कमी है।
बुधवार को चिराग के बहनोई और पार्टी के सांसद अरुण भारती ने कहा- बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले इस्तीफा देने का अनुभव वाकई चिराग पासवान के पास नहीं है। भारती ने यह कटाक्ष मांझी पर किया।
फरवरी 2015 में मांझी राज्य के मुख्यमंत्री थे। वह जदयू की सरकार थी। आग्रह के बावजूद मुख्यमंत्री पद न छोड़ने के कारण जदयू से मांझी को निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने विश्वास मत हासिल करने की घोषणा की थी। लेकिन, उससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया।
भारती ने अपने एक्स पोस्ट में उसी प्रसंग का हवाला देते हुए मांझी पर तंज कसा। हालांकि पोस्ट में उन्होंने उनका नाम नहीं लिया। एनडीए में लोजपा (रा) के अगले कदम को लेकर भी संशय बना हुआ है। चिराग इस मुद्दे पर साफ-साफ नहीं बोल रहे हैं। 29 जून को राजगीर में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में चिराग ने कहा-मैं बिहार से नहीं, बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा।
अरुण भारती ने बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो साझा किया। इसमें वे संकेत दे रहे हैं कि चिराग शाहाबाद क्षेत्र की किसी सीट से विस चुनाव लड़ेंगे। उनका कहना था कि पार्टी के सर्वेक्षण के प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक हैं। ये बताते हैं कि राज्य के आम लोगों का चिराग पासवान के नेतृत्व में विश्वास है। हर स्तर पर यह मांग उठ रही है कि अब समय आ गया है कि चिराग पासवान बिहार की राजनीति में अपनी भूमिका निभाएं।
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