सुकमा नक्सली हमला: 25 शहीद जवानों में 6 जवान बिहार के, प्रदेश में शोक की लहर
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने सेना के जवानों पर हमला कर दिया। यह इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला है। इसमें पच्चीस जवान शहीद हो गए, जिनमें छह जवान बिहार के भी हैं।
पटना [जेएनएन]। छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद 25 सीआरपीएफ जवानों में बिहार के भी छह जवान भी शामिल हैं। सभी शहीद जवान बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में अपनी वीरता का परिचय देते हुए ये सभी जवान शहीद हो गये।
शहीद होने वाले जवानों में वैशाली जिले के शहीद जवान अभय कुमार, भोजपुर के अभय मिश्र, दानापुर के सौरभ कुमार, दरभंगा के नरेश यादव, अरवल के रंजीत यादव और रोहतास के रहने वाले के. के. पांडेय शामिल हैं। घटना की खबर सुनते ही पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गयी है।
शहीद अभय बिहार के जंदाहा थानाक्षेत्र के लोमा गांव के रहने वाले थे, वे एक वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। उनके अलावा उनके दो भाई भी सेना में शामिल हैं। वहीं शहीद सपूत कृष्ण कुमार पांडेय रोहतास जिले के चेनारी गांव के रहने वाले थे। शहीद सौरभ कुमार शेखपुरा के रहने वाले थे।पिता का नाम कमलेश कुमार और मां का नाम रेखा देवी है। शहीद सौरभ ने 24 अगस्त 2011 को सीआरपीएफ में बहाल हुए थे।
सीआरपीएफ मुख्यालय में हो रही शोक सभा की तैयारी
स्थानीय सीआरपीएफ मुख्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक शहीदों की श्रद्धांजलि सभा के आयोजन की तैयारी की जा रही है। रोहतास व भोजपुर जिले के शहीद हुए जवान कृष्ण कुमार पांडेय व अभय मिश्रा के शव को विशेष विमान से वाराणसी तक लाया जायेगा। उसके बाद दोनों के शव को सड़क मार्ग से जिला प्रशासन और परिजनों को सौंप दिया जायेगा।
शहीदों में शामिल दरभंगा के नरेश यादव सहित बाकी शहीद जवानों के शव को विशेष चॉपर द्वारा पटना एयरपोर्ट लाया जा रहा है। जवानों के सम्मान में सीआरपीएफ पटना मुख्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। सभा के बाद सभी सपूतों के शव को परिजनों को सौंप दिया जायेगा। वहीं गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को शहीद के परिजनों को निर्धारित राशि सम्मान पूर्वक देने का निर्देश दे दिया है।
सोमवार को नक्सलियों ने किया था हमला
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला स्थित बुरकापाल क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ जवानों पर नक्सलियों ने सोमवार दोपहर करीब दो बजे बड़ा हमला किया। अंधाधुंध फायरिंग और ग्रेनेड हमले में भोजन कर रहे सीआरपीएफ की 74वीं बटालियनके 25 जवान शहीद हो गए।
इस साल का अबतक का सबसे बड़ा नक्सली हमला
यह इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला है। इससे पहले इसी इलाके के कोत्ताचेरू में 11 मार्च को 12 जवान और 30 जनवरी को दंतेवाड़ा में सात जवान शहीद हो गए थे। कुल मिलाकर 85 दिन में 44 सीआरपीएफ जवान शहीद हो चुके हैं।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री ने जताया दुख
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस घटना को हम चुनौती के रूप में लेंगे। हम ध्यान रखेंगे कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। मंगलवार को राजनाथ छत्तीसगढ़ जाकर जायजा लेंगे।
कब और कैसे हुआ हमला
जानकारी के मुताबिक, सीआरपीएफ के ये जवान सोमवार सुबह 8.30 बजे गश्त पर निकले थे। जवान अपने कैंप दुर्गपाल से रोड ओपनिंग पार्टी के तौर पर निकले। दुर्गपाल से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर चिंतागुफा के पास दो हिस्सों बंट गए। जवानों की संख्या 99 थी, जवानों के दोनों दस्ते करीब 500 मीटर ही आगे बढ़े थे कि उन पर हमला हो गया। घात लगाकर बैठे करीब 300 नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों के पास AK-47 जैसे हथियार थे। जानकारी ये भी है कि इन नक्सलियों के साथ महिला फाइटर भी थीं। नक्सलियों ने 12 मार्च को CRPF पर हमले के दौरान लूटे गए हथियारों का भी इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाने के लिए IED ब्लास्ट भी किया।
सीआरपीएफ ने चलाया कॉम्बिंग आपरेशन
आपको बता दें कि हमले के बाद सीआरपीएफ एक्शन में है, और उन्होंने चिंतागुफा इलाके के पास नक्सलियों के खिलाफ कॉम्बिंग आपरेशन भी चलाया है।
पीएम नरेंद्र मोदी का ट्वीट
"छत्तीसगढ़ में हुआ हमला दुखद और कायराना हरकत है. हम हालात पर नजर रख रहे हैं. सीआरपीएफ जवानों की बहादुरी पर हमें फख्र है। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। शहीद जवानों के परिवारों के लिए मैं संवेदना जाहिर करता हूं।"