Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आसियान के अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर बिहार के इस विश्‍वव‍िद्यालय की तारीफ, केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भी हुए शामिल

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Tue, 30 Aug 2022 05:58 PM (IST)

    बिहार के नालंदा विश्‍वविद्यालय की तारीफ आसियान के अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर हुई है। आसियान-इंडिया नेटवर्क आफ यूनिवर्सिट‍िज के एक कार्यक्रम में केंद्रीय विदेश राज्‍य मंत्री आरके सिंह भी शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम इंडोनेश‍िया की राजधानी जकार्ता में हुआ।

    Hero Image
    आसियान के कार्यक्रम का उद्घाटन करते अतिथि। साभार - नालंदा विश्वविद्यालय

    जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। आसियान-इंडिया नेटवर्क आफ यूनिवर्सिटी (एआईएनयू) के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए विदेश राज्य मंत्री डा. राजकुमार रंजन सिंह ने नालंदा विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि आसियान देशों और भारत के शिक्षण संस्थानों के बीच शैक्षणिक साझेदारी को क्रियांवित करने की दिशा में इस विश्वविद्यालय की भूमिका अहम है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जकार्ता में हुआ था यह आयोजन 

    बता दें कि आसियान-भारत संबंध के 30 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जकार्ता में सोमवार को आसियान-भारत नेटवर्क आफ यूनिवर्सिटी (एआईएनयू) का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने कहा कि एआईएनयू के नोडल संस्थान के रूप में नालंदा एशियाई देशों के संबंध व पारस्परिक सहयोग के क्रियान्वयन हेतु सक्रिय भूमिका निभा रहा है। वैश्विक शिक्षण संस्थान के प्रतीक के रूप में नालंदा ने 800 वर्षों तक प्राचीन एशियाई ज्ञान-परंपरा का प्रतिनिधित्व किया है।

    एश‍ियाई देशों से संबंध मजबूत करने पर जोर 

    वर्तमान में भी नालंदा के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशिया के देशों और भारत के बीच सदियों पुराने सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को राजनयिक माध्यम से सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। इन प्रयासों से एशियाई देशों के साथ हमारे संबंध मजबूत होंगे और शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने की दिशा में आपसी प्रतिबद्धता भी विकसित होगी।

    आस‍ियान के महासच‍िव ने जताया आभार 

    आसियान महासचिव लिम जाक होई ने भारत द्वारा आसियान देशों के प्रति निरंतर सहयोग और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि आसियान-भारत नेटवर्क के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार पर पारस्परिक सहयोग हेतु एक साझा मंच तैयार हो रहा है।