Hallo Doctor: सड़क पर चलते समय जरूर लगाएं N-95 मास्क, डॉक्टर ने बताया-क्याें है यह जरूरी?
डॉक्टर के अनुसार, सड़क पर चलते समय N-95 मास्क पहनना आवश्यक है। यह मास्क हवा में मौजूद छोटे कणों को प्रभावी ढंग से रोकता है, जिससे प्रदूषण और अन्य हानिकारक तत्वों से सुरक्षा मिलती है। N-95 मास्क प्रदूषण से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है।

सवालों के जवाब देतीं डाॅ. ऋतु सिंह। जागरण
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में लगातार अस्थिरता रहती है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि राजधानी पटना का एक्यूआइ देश के टाप शहरों में होने लगती है।
इसका सीधा असर हमारे सांस एवं फेफड़े पर होता है। इस कारण के लोगों में सांसों की समस्या होने लगती है। उन्हें तत्काल में इमरजेंसी में भर्ती कराना पड़ता है।
कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि ऐसे मरीजों को सीधे सघन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) में भी भर्ती करना पड़ता है।
ऐसे में इससे बचाव का एकमात्र उपाय है कि बाहर निकलते समय एन-95 मास्क का जरूरत उपयोग करें। इससे ना केवल सांसों की बीमारी से बचाव होता है, बल्कि प्रदूषण से होने वाली खतरा के कम होने से कई अन्य बीमारियां भी शांत हो जाती है।
रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो जागरण में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर प्रो. डा. ऋतु सिंह ने यह बातें कहीं।
इस दौरान इन्होंने काफी पाठकों के प्रश्नों का जवाब दिया। प्रस्तुत है चुनींदा प्रश्न व उनके जवाब।
आमतौर पर मरीजों को आइसीयू में कब रखा जाता है।
- देखिए, ऐसे मरीज जिनकी गहन माॅनिटरिंग की जरूरत होती है उन्हें आइसीयू में रखा जाता है। जहां तक कि क्रिटिकल केयर यूनिट के आइसीयू में विशेषज्ञ मरीज के हर दो-तीन घंटे के अनुसार प्लानिंग करते हैं।
स्ट्रोक, हैमरेज, लकवा, हार्ट फेल्योर, अटैक, सांस लेने में दिक्कत, बोलने में परेशानी आदि कई इंडेक्श को देखने के बाद आइसीयू को लेकर निर्णय लिया जाता है।
सांस लेने में परेशानी से बचने के लिए क्या करना चाहिए।
- सांस लेने में परेशानी वाले मरीजों को सबसे पहले प्रदूषण से बचना चाहिए। इसके बाद आवश्यक जांच की जरूरत होती है।
ऐसे मरीजों को घर से बाहर निकलने में एन-95 लगाना चाहिए। सुबह धूप निकलने के बाद ही टहलने जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त 65 वर्ष से अधिक उम्र में निमोनिया का वैक्सीन जरूर ले लेना चाहिए।
संपतचक से जीरोमाइल तक सड़क पर फाॅग ज्यादा है, सांस लेने में परेशानी, कफ एवं बलगम में खून की समस्या होती है। क्या करें।
-कफ में ब्लड आने की समस्या है तो आप चिकित्सक से मिलकर आवश्यक जांच कराएं। ज्यादा फाग व धूलकण को लेकर प्रशासन से पत्राचार कर सकते हैं। वैसे घर से बाहर निकलने पर एन-95 मास्क का उपयोग करें।
बीपी व शुगर है। बोलने में भी हफनी होने लगती है।
-आप नजदीकी कार्डियोलाजिस्ट से मिलकर आवश्यक जांच कराएं। बीपी व शुगर होने पर नियमित रूप से डाक्टर के संपर्क में रहने की आवश्यकता होती है। इसमें जरूरत के अनुसार उपचार दिए जाते है।
डेंगू में किस तरह की परेशानी में भर्ती होने की जरूरत होती है।
-देखिए, डेंगू में प्लेटलेटस 20 हजार से नीचे आ आएं। यहां शरीर में दाना-दाना रेसेज, ब्लीचिंग, चकत्ता आदि की स्थिति मरीज को भर्ती की जरूरत पड़ती है।

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