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जातीय गणना के लिए मुकेश सहनी देंगे पांच करोड़, पार्टी बोली- अन्‍य राजनीतिक दल करें हमारा अनुकरण

जातीय गणना के लिए पार्टी फंड से पांच करोड़ देने की घोषणा कर चुके पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की वीआइपी ने सरकार को सलाह दी है कि वह इसमें जनप्रतिन‍िधियों के कोष का उपयोग करे। अन्‍य राजनीतिक दल भी इसमें सहयोग करें।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 04 Jun 2022 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jun 2022 10:28 AM (IST)
जातीय गणना के लिए मुकेश सहनी देंगे पांच करोड़, पार्टी बोली- अन्‍य राजनीतिक दल करें हमारा अनुकरण
नीतीश कुमार, मुकेश सहनी और देव ज्‍योति। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Caste Census: बिहार में जातीय गणना (Caste Based Survey) का निर्णय हो चुका है। पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Ex Minister Mukesh Sahani) पहले ही इसका समर्थन कर चुके हैं। अब उनकी पार्टी की ओर से बड़ा बयान आया है। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता देव ज्‍योति ने कहा है कि सरकार कोई ऐसी व्‍यवस्‍था करे कि काम भी हो जाए और सरकारी खजाने के साथ ही आम जनता पर कम से कम भार पड़े ।  

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जातीय गणना पर खर्च हो सकते हैं दो हजार करोड़ 

देव ज्योति ने कहा कि उनकी पार्टी जातीय जनगणना के पक्ष में हमेशा से ही रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्थापक सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी पहले ही इस बात की भी घोषणा कर चुके हैं कि अगर राज्य सरकार अपने बूते पर जातीय जनगणना करना चाहती है तो वह पार्टी फंड से पांच करोड़ रुपए देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में जातीय गणना कराने पर सरकार पर 500 करोड़ का खर्च आएगा। इसके बढ़कर  दो हजार करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। ऐसे में सरकार के राजकोष पर भारी-भरकम दबाव बन सकता है। अतः राज्य सरकार चाहे तो इसके लिए कुछ और उपाय भी कर सकती है।

सांसद-विधायक कोष से लिया जाए फंड 

देव ज्योति ने सलाह दी है कि राज्य सरकार को कुछ ऐसी पहल भी करनी चाहिए ताकि तमाम एमपी, विधानसभा सदस्य, विधान पार्षद के फंड से भी एक निश्चित राशि जातीय जनगणना कराने के लिए राज्य सरकार उपयोग करे। इससे एक तरफ सरकार के पास फंड एकत्र होगा, वहीं दूसरी तरफ आम जनता पर भी दबाव कम पड़ेगा। देव ज्योति ने यह भी कहा कि सीएम नीतीश कुमार के निषाद आरक्षण को लेकर पूर्व में अग्रसारित प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि निषाद आरक्षण पर जल्द से जल्द निर्णय लें।


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