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बिहार में मंत्रिमंडल से मुकेश सहनी की हो गई छुट्टी, वीआइपी नेता को ऐसे दिखाया गया रास्‍ता

Bihar Politics बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के संस्‍थापक मुकेश सहनी को आखिरकार मंत्रिमंडल से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया है। भाजपा उन पर लगातार ही इस्‍तीफा देने के लिए दबाव बना रही थी।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 27 Mar 2022 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 28 Mar 2022 08:42 AM (IST)
बिहार में मंत्रिमंडल से मुकेश सहनी की हो गई छुट्टी, वीआइपी नेता को ऐसे दिखाया गया रास्‍ता
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और वीआइपी नेता मुकेश सहनी। फाइल फोटो

पटना, राज्‍य ब्‍यूरो। Mukesh Sahani News: विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) प्रमुख एवं पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी को बिहार सरकार के मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। रविवार को देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित अनुशंसा राज्यपाल को भेज दी। इस बारे में भाजपा ने मुख्यमंत्री से लिखित अनुरोध किया था। राज्य मंत्रिमंडल से मुकेश सहनी को हटाए जाने के कयास पिछले बुधवार (23 मार्च) से ही लगाए जा रहे थे।

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बुधवार को ही वीआईपी के सभी तीन विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। मुकेश सहनी अकेले रह गए थे। गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष ने वीआईपी के तीनों विधायक क्रमश: स्वर्णा सिंह, मिश्री लाल यादव व राजू कुमार सिंह को भाजपा के विधायक के रूप में मान्यता प्रदान कर दी थी। 

मुकेश सहनी शुक्रवार को विधानसभा में पहुंचे थे और पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री के रूप में एक प्रश्न का जबाव भी दिया था। जदयू-भाजपा के मंत्रियों से उन्होंने बात भी की थी। शनिवार को वह नहीं आए। इसके बाद ही यह तय माना जा रहा था कि एक-दो दिनों के भीतर उन्हें हटा दिया जाएगा।

भाजपा की ओर से मुकेश सहनी को हटाए जाने का लिखित निवेदन किया गया था। चर्चा थी कि बोचहां चुनाव के बाद उन्हें हटाया जा सकता है। पर अचानक रविवार की शाम मुख्यमंत्री ने अनुशंसा राजभवन को भेज दी। मंत्री पद से हटाए जाने के बाद सहनी अब एनडीए से भी विदा हो गए हैैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी एनडीए के साथ थी। सहनी स्वयं भी चुनाव लड़े मगर हार गए थे। हालांकि उनकी पार्टी चार प्रत्याशी जीत गए थे। भाजपा ने फिर भी सहनी को मंत्री और विधान परिषद सदस्य भी बनाया। अब उनकी विधान परिषद सदस्यता भी खतरे में पड़ गई है। उनका कार्यकाल इसी वर्ष जुलाई में खत्म हो रहा है। बदली परिस्थिति में अब वह विधान परिषद नहीं जा पाएंगे।

यूूपी विधानसभा चुनाव के समय से ही मुकेश सहनी भाजपा के निशाने पर थे। वहां उन्होंने भाजपा के खिलाफ बड़ी संख्या में अपने दल के प्रत्याशी को उतारा था। इसके बाद मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट को लेकर भी विवाद बढ़ा। बोचहां से मुकेश सहनी की पार्टी के मुसाफिर पासवान विधायक थे। उनकी मृत्यु के बाद वहां उपचुनाव होना है। भाजपा ने मुकेश सहनी को आईना दिखाते हुए वहां से अपना प्रत्याशी दिया तो वीआइपी ने भी वहां से अपने उम्मीदवार उतार दिया है। 


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