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    जदयू की एक दर्जन से अधिक महिला प्रत्याशी 2020 में नहीं बन सकीं वोटरों की पहली पसंद

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 01:54 PM (IST)

    महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों व योजनाओं की चर्चा एनडीए के हर मंच से होती रही है।वहीं वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के विजेताओं की टैली अपेक्षाकृत कमजोर रहने की एक वजह उसके 13 महिला प्रत्याशियों की हार भी थी। जदयू की केवल छह महिला प्रत्याशियों को 2020 के विधानसभा में जीत हासिल हो सकी थीं।

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    महिला प्रत्याशी 2020 में नहीं बन सकीं वोटरों की पहली पसंद

    भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों व योजनाओं की चर्चा एनडीए के हर मंच से होती रही है। इस बार भी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत इसी महीने मिलने वाले दस हजार रुपए की बात काफी मुखर होकर एनडीए कर रहा। वहीं वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के विजेताओं की टैली अपेक्षाकृत कमजोर रहने की एक वजह उसके 13 महिला प्रत्याशियों की हार भी थी। जदयू की केवल छह महिला प्रत्याशियों को 2020 के विधानसभा में जीत हासिल हो सकी थीं। वैसे कई विधानसभा क्षेत्रों मे यह स्थिति जरूर थी कि कुछ महिला प्रत्याशियों की हार का अंतर काफी कम वोटों का था।

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    एक दर्जन महिला प्रत्याशियों को करना पड़ा था हार का सामना

    वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू की जिन 13 महिला प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था उनमें बाजपट्टी से रंजू गीता, बेलसंड से सुनीता सिंह चौहान, अररिया से शगुफ्ता अजीम, एकमा से सीता देवी, महुआ से आस्मां परवीन, समस्तीपुर से अश्वमेघ देवी, चेरिया बरियारपुर से मंजू वर्मा, अलौली से साधना देवी, खगड़िया से पूनम देवी यादव , मसौढ़ी से नूतन पासवान, डुमरांव से अंजुम आरा, जीरादेई से कमला सिंह तथा गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्णिमा यादव का नाम शामिल है।

    कुछ कम मार्जिन से चुनाव हार गयीं तो कई का अंतर बहुत बड़ा

    जदयू की टिकट पर 2020 के विधानसभा चुनाव में जिन एक दर्जन महिला प्रत्याशियों को वोटरों ने नकार दिया था उनमें कई ऐसी थीं जो जीत के कगार पर आकर हार गयीं। बाजपट्टी से रंजू गीता 2704 मतों से हारीं, अलौली से साधना देवी की हार 2773 मतों से हुई, खगड़िया से पूनम देवी की हार तीन हजार वोट से और समस्तीपुर से अश्वमेघ देवी 4714 मतों से चुनाव हार गयीं थीं। वहीं जिन अन्य महिला प्रत्याशियों की चुनाव में हार हुई उनकी हार का अंतर काफी बड़ा था।

    अररिया से शगुफ्ता अजीम 47,936 वोटों से, चेरिया बरियारपुर से मंजू वर्मा 40,897 वोटों से चुनाव हार गयीं थीं। मसौढ़ी से नूतन पासवान 33,227, गोविंदपुर से पूर्णिमा यादव 33,074, डुमरांव से अंजुमआरा 24,415, बेलसंड से सुनीता सिंह चौहान 13,685, एकमा से सीता देवी 13927 , जीरादेई से कमला सिंह 25 510 तथा महुआ से आस्मां परवीन 13687 मतों से चुनाव हार गयीं थीं।

    पहली बार चुनाव लड़ रहीं महिलाओं को नहीं मिल पायी थी सफलता

    2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने कई ऐसी महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया था जो पहली बार चुनाव लड़ रहीं थीं पर उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। इसमें आस्मां परवीन, शगुफ्ता अजीम, साधना देवी, नूतन पासवान व अंजुम आरा के नाम हैं। ऐसे इनमें कई नाम ऐसे थे जिन्हे पंचायती राज व्यवस्था के तहत जन प्रतिनिधि बनने का मौका जरूर मिला था।

    केवल इन महिला प्रत्याशी को ही मिल पायी थी जीत

    जदयू की केवल छह महिला प्रत्याशियों को ही जीत मिल सकी थी। धमदाहा से लेशी सिंह 33594 वोट से रुपौली से बीमा भारती को 19330 वोट से, त्रिवेणीगंज से वीणा भारती 3031 वोट से, फुलपरास से शीला कुमारी 10,966 वोट से, बाबूबरही से मीना कुमारी को 11488 तथा केसरिया से शालुिनी मिश्रा को 9227 वोट से जीत हासिल हुई थीं।