बिहार सूचना आयोग में 30 हजार से ज्यादा मामले लंबित, अब परिसर में रखवा दिया गया है एक बाक्स
राज्य सूचना आयोग में अभी 30 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। आवेदक आयोग का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनके मामले की सुनवाई तो दूर आवेदन तक स्वीकार नहीं कि ...और पढ़ें

दीनानाथ साहनी, पटना : यह एक नजीर है कि बिहार में लोक सूचना का अधिकार कानून का किस तरह क्रियान्वयन हो रहा है। दरअसल, राज्य सूचना आयोग में अभी 30 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। आवेदक आयोग का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनके मामले की सुनवाई तो दूर, आवेदन तक स्वीकार नहीं किए जा रहे। आयोग ने आवेदन सीधे स्वीकार करने के बजाय परिसर में एक बाक्स रखवा दिया है, जिसमें आवेदन डालने का निर्देश है।
सूचना आयोग में सूचना आयुक्त, सचिव, प्रथम अपीलीय प्राधिकार और लोक सूचना अधिकारी के पद छह माह से ज्यादा समय से खाली पड़े हैं। गौरतलब है कि पटना उच्च न्यायालय का आदेश है कि आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त और सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद तीन माह से ज्यादा समय तक खाली नहीं रखे जा सकते।वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा सूचना आयुक्त के तीन पद हैं। सेवानिवृत्त आइएएस अफसर एनके सिन्हा मुख्य सूचना आयुक्त हैं। पूर्व डीजीपी पीके ठाकुर और पूर्व जिला जज ओम प्रकाश सिंह सूचना आयुक्त के पद पर हैं। न्यायाधीश ओम प्रकाश सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है, जबकि एक सूचना आयुक्त का पद पहले से खाली है। करीब छह माह से आयोग में सचिव का पद खाली है और इसका अतिरिक्त प्रभार आयोग के विधि पदाधिकारी के अधीन है। चूंकि सचिव ही आयोग में प्रथम अपीलीय प्राधिकार होते हैं, इसलिए विधि पदाधिकारी के जिम्मे भी प्राधिकार का प्रभार है। इसी तरह 2017 से आयोग में लोक सूचना पदाधिकारी (पीआइओ) का पद खाली हैै। इस पद पर कामचलाऊ व्यवस्था जरूर की गई है और एक प्रशाखा पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इसके अलावा तीन पीआइओ के पद डिप्टी कलक्टर रैंक के अफसर का है। ऐसे कई कारण हैं, जिनसे सूचना आयोग पंगु जैसा बना हुआ है। हालांकि इस मामले में आयोग के अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज करते हैं, क्योंकि नियुक्तियों से संबंधित मामला सीधे सरकार से जुड़ा है।
पटना उच्च न्यायालय में एक लोकहित याचिका
कई पुरस्कारों से सम्मानित आरटीआइ कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय बताते हैं कि राज्य सूचना आयोग में खाली पदों पर स्थायी नियुक्ति करने और लंबित मामलों की सुनवाई में तेजी लाने को लेकर पटना उच्च न्यायालय में एक लोकहित याचिका दायर की गई है। उस पर जल्द ही सुनवाई होने वाली है।

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