बिना कुछ बोले गमछा लहराकर मोदी ने महागठबंधन को दिया करारा जवाब, NDA सरकार का गढ़ा नया नैरेटिव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना कुछ कहे गमछा लहराकर महागठबंधन को जवाब दिया। एनडीए सरकार ने एक नया नैरेटिव स्थापित किया है। मोदी ने मौन रहकर विरोधियों को जवाब दिया और एनडीए सरकार ने इस घटना के माध्यम से एक नया दृष्टिकोण पेश किया।

नीतीश के शपथ ग्रहण में पीएम मोदी गमछा लहराते हुए
रमण शुक्ला, पटना। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बगैर कुछ बोले सिर्फ गमछा लहराकर एनडीए सरकार का नया नैरेटिव गढ़ गए। मंच पर पहुंचते ही उन्होंने जब समर्थकों की ओर भगवा गमछा लहराया, तो पूरा मैदान उत्साह मोदी-मोदी से गूंज उठा। यह दृश्य न केवल भावनात्मक ऊर्जा का प्रतीक था, बल्कि एक दूरगामी रणनीतिक संकेत भी माना जा रहा है।
नीतीश सरकार के शपथ ग्रहण के लिए सजे मंच पर पहुंचते ही जिस अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी ने झुककर समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया और फिर मंच पर गमछा लहराया, उनका यह अंदाज उनके आत्मविश्वास और जनसमर्थन का प्रतीक था, जिसे भाजपा अंदरूनी तौर पर एकता, समर्पण और वैचारिक प्रतिबद्धता का प्रतीक मानती है।
मोदी द्वारा भगवा गमछा लहराना, बिहार में पार्टी के हिंदुत्व-आधारित वोट बैंक को एकसूत्र में बांधे रखने का सांकेतिक प्रयास भी है। इसके पूर्व विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई जनसभाओं एवं एनडीए की प्रचंड जीत के उपरांत भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय और सूरत में आयोजित विजय समारोह में भी वे देसी अंदाज में गमछा लहरा चुके हैं।
पटना के गांधी मैदान में मौजूद हजारों समर्थकों ने जब गमछा लहराकर प्रधानमंत्री के संकेत का जवाब दिया, तो यह स्पष्ट संदेश उभरा कि एनडीए समर्थक एकजुट हैं। राजनीतिक विश्लेषक अभय कुमार का कहना है कि बिहार का राजनीतिक वातावरण अभी परिवर्तनशील दौर में है और ऐसे में मोदी का यह सांस्कृतिक-राजनीतिक प्रदर्शन सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि जमीन पर असर डालने वाला कदम है। महागठबंधन को करारा जवाब है।
एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह स्थल से लेकर मंच एवं मैदान में उभरता भगवा रंग यह दर्शा रहा था कि भाजपा रणनीतिक रूप से अपनी जड़ों और पहचान को और मजबूत तरीके से प्रस्तुत कर रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी के गमछा लहराने का दृश्य आने वाले दिनों में सोशल मीडिया और राजनीतिक विमर्श का मुख्य केंद्र रहेगा। यह केवल एक क्षणिक प्रतीक नहीं, बल्कि चुनाव पूर्व शुरू किया गया प्रधानमंत्री मोदी का यह प्रयोग बिहार की राजनीति को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम वाले मंच पर जहां कलाकारों का ड्रेसकोड भगवा रंग का था। सभा स्थल पर विधायकों के लिए लगाए गए सोफा भी भगवा रंग के कवर से लैस थे।
कुल मिलाकर, पटना के इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भगवा गमछा लहराना समर्थकों को ऊर्जा देने वाला क्षण था। भाजपा की राज्यसभा सदस्य धर्मशीला गुप्ता के साथ आईं महिलाएं भी भगवा साड़ी से लेकर चूड़ी एवं दुपट्टा से लैस नजर आईं।

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