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    स्मार्ट संरचनाओं से सुसज्जित नए शवदाह गृह, पटना समेत 20 जिलों में निर्माण कार्य पूरा, क्‍या हैं सुविधाएं

    By Manish Kumar Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 09:35 PM (IST)

    बिहार के 20 जिलों में, पटना सहित, आधुनिक सुविधाओं वाले नए शवदाह गृहों का निर्माण पूरा हो गया है। इन स्मार्ट संरचनाओं में पर्यावरण के अनुकूल तकनीक का उ ...और पढ़ें

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    बांस घाट पर स्‍थापित श‍िव की विशाल प्रत‍ि‍मा। जागरण

    मनीष कुमार, पटना। राज्य को प्रदूषण मुक्त रखने और आम लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (BUIDCO) लगातार बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है।

    इसी क्रम में पटना समेत 20 जिलों में नए अत्याधुनिक शवदाह गृहों का निर्माण अब पूर्ण हो चुका है। तैयार किए गए 20 शवदाह गृहों का सुंदरीकरण कार्य भी अंतिम चरण में है, जिसके बाद इन्हें जल्द ही चालू कर दिया जाएगा। 

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    बुडको की ओर से निर्मित इन सभी शवदाह गृहों में विद्युत एवं पारंपरिक दोनों प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उत्तर बिहार के 12 और दक्षिण बिहार के आठ जिलों में आधुनिक विद्युत शवदाह गृहों का निर्माण लगभग तैयार हो चुका है।

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    अधिकारियों के अनुसार, ये नई सुविधाएं न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होंगी, बल्कि लोगों को बेहतर, सुरक्षित और स्वच्छ सेवा भी प्रदान करेंगी। 

    पटना में बांस घाट के पास बुद्ध घाट पर 89.40 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक शवदाह गृह का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। यह आधुनिक श्मशान परिसर नवीन सुविधाओं से सुसज्जित होगा।

    इसके साथ ही परिसर में ऐसी कलाकृतियां और प्रतीक स्थापित किए जा रहे हैं, जो यह संदेश देंगे कि मृत्यु किसी यात्रा का अंत नहीं, बल्कि जीवन के सतत चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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    राजधानी पटना में निर्मित अत्याधुनिक शवदाह गृह की विशेषताएं 

    • परिसर में विद्युत के साथ पारंपरिक शवदाह गृह की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। धुएं के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए पांच चिमनी स्टैक लगाए गए हैं, जिससे पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।
    • इस श्मशान घाट का प्रमुख आकर्षण इसका व्यापक सुंदरीकरण है। परिसर की दीवारों पर जन्म से मृत्यु तक की जीवन यात्रा को कलात्मक चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है।
    • आदिशक्ति की भव्य प्रतिमा जहां शक्ति और सृजन का प्रतीक होगी, वहीं राजा हरिश्चंद्र की पेंटिंग यह संदेश देगी कि मृत्यु अंत नहीं, बल्कि जीवन के निरंतर चक्र की एक कड़ी है।
    • श्मशान घाट के मुख्य द्वार भी प्रतीकात्मक रूप से विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से एक को ‘मोक्ष द्वार’ और दूसरे को ‘बैकुंठ द्वार’ नाम दिया गया है।
    • परिसर में दो तालाब भी निर्मित किए गए हैं, जिनमें गंगा का पानी पाइपलाइन से पहुंचेगा। दोनों तालाबों के मध्य 12 फुट ऊंची आदिशक्ति की प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रतिमा के आसपास फव्वारे और रंगीन रोशनी लगाई जाएंगी, जिससे वातावरण और अधिक सकारात्मक एवं शांतिमय बनेगा।

    प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति को कम करने की कोशिश

    बिहार में बुडको द्वारा कुल 40 नए विद्युत शवदाह गृहों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 20 लगभग पूर्णता के चरण में हैं। बुडको के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने  कहा कि श्मशान घाट वह स्थान है जहां लोग शोक और उदासी की अवस्था में पहुंचते हैं, इसलिए यहां उन्हें मानसिक शांति मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

    नवनिर्मित शवदाह गृहों में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जो प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति को कम करने में सहायक होगा। साथ ही, परिसर में कला और आध्यात्मिक प्रतीकों का समावेश किया जा रहा है, ताकि दुःख की घड़ी में लोगों को भावनात्मक और मानसिक सहारा मिल सके। सभी कार्यों की निरंतर समीक्षा की जा रही है।

     

    उत्तर बिहार के इन जिलों में नए विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कार्य हुआ है पूर्ण

              जिला - लागत

    •  सारण - 3.65 करोड़
    •  गोपालगंज - 3.58 करोड़
    •  किशनगंज - 4.6 करोड़
    •  दरभंगा - 8.20 करोड़
    •  सिवान - 8.07 करोड़
    •  अररिया - 4.25 करोड़
    •  कटिहार - 3.85 करोड़
    •  पश्चिम चंपारण - 5.97 करोड़
    •  सहरसा - 8.38 करोड़
    •  समस्तीपुर - 1.76 करोड़
    •  बेगूसराय - 8.91 करोड़
    •  खगड़िया - 4.69 करोड़

    दक्षिण बिहार के इन जिलों में नए विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कार्य हुआ है पूर्ण

    • पटना - 89.40 करोड़
    • जहानाबाद - 7.89 करोड़
    • अरवल - 3.91 करोड़
    • रोहतास - 4.06 करोड़
    • नालंदा - 7.70 करोड़
    • गया - 3.36 करोड़
    • भागलपुर - 9.38 करोड़
    • आरा - 3.77 करोड़