Bihar Chunav: लाखों की आबादी से जुड़ी मेहंदीगंज गुमटी बनी बड़ी मुसीबत, क्या बिहार चुनाव में बन पाएगी मुद्दा?
bihar election 2025: गुलजारबाग रेलवे स्टेशन के पास मेहंदीगंज गुमटी, पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में स्थित है, जो शहरी और ग्रामीण इलाकों को जोड़ती है। यहाँ हर दिन जाम लगता है, जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं। फुट ओवर ब्रिज की योजना रद्द होने से समस्या और बढ़ गई है। स्थानीय नागरिकों को उम्मीद है कि आगामी चुनाव में इस समस्या का समाधान होगा।

लाखों की आबादी से जुड़ी मेहंदीगंज गुमटी बनी बड़ी मुसीबत
अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। गुलजारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से कुछ कदम की दूरी पर वार्ड 61 स्थित मेहंदीगंज गुमटी एक बार फिर बिहार विधान सभा चुनाव आते ही चर्चा में है। पटना साहिब विधान सभा अन्तर्गत यह रेलवे क्रासिंग राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 30 और सुदर्शन पथ को जोड़ता है। शहरी व ग्रामीण इलाकों के बीच सेतु का काम करता है।
इस गुमटी के दक्षिण में बसे दो दर्जन मोहल्लों और उत्तर क्षेत्र की लगभग दो लाख आबादी जुड़ी है। इसी रास्ते मरीजों को लेकर लोग नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल, राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान, श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल पहुंचते हैं।
हर दिन हजारों छात्र-छात्राएं स्कूल-कालेज और लोग काम दफ्तर के लिए आते-जाते हैं। अशोक राजपथ, जेपी गंगा पथ, महात्मा गांधी सेतु जाने के लिए भी इस रेलवे क्रासिंग को पार करना पड़ता है।
स्थानीय नागरिकों की मानें तो लगभग 16 से 20 फीट चौड़ी मेहंदीगंज गुमटी पर सुबह से लेकर रात तक में हरदिन तीन से चार घंटे जाम लगता है। सुदर्शन पथ से सटे इस गुमटी से जुड़े उत्तर-दक्षिण के मार्ग में प्रवेश करने के लिए एक साथ कई वाहन, ट्रैक्टर या बड़ी गाड़ियों के बीच हर दिन गुत्थम-गुत्थी मची रहती है, भीषण जाम लग जाता है।
यातायात नियंत्रित करने के लिए यहां कभी पुलिस कर्मी की तैनाती नहीं की गई। गुमटी पर लगे जाम में फंसने वाले वाहनों को निकालने के लिए कई बार रेल को अप और डाउन लाइन पर रोकना पड़ता है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि जटिल हो चुकी यह समस्या बीते तीन दशकों में भी चुनाव का मुद्दा नहीं बन सकी। इस क्षेत्र के अधिकांश लोग जिस पार्टी के समर्थक हैं उसके प्रत्याशी के खिलाफ कुछ भी बोलने-सुनने से लेकर मेहंदीगंज गुमटी को चुनावी मुद्दा बनाने से परहेज करते रहे हैं।
बदले हालात के बीच हो रहे मौजूदा पटना साहिब विधान सभा चुनाव में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लाखों लोगों से जुड़ी इस जन समस्या को चुनावी मुद्दा बनाने की बात अब प्रत्याशियों द्वारा कही जा रही है।
बनते बनते रुका फुट ओवर ब्रिज, वोट की चोट में 15 दिन शेष
कई स्थानीय नागरिकों ने बताया कि मेहंदीगंज गुमटी पर फुट ओवर ब्रिज निर्माण के लिए पूरब में पायलिंग की गई थी। कुछ कारण से योजना ही रद्द हो गई। वाहनों और लोगों के आवागमन के लिए रेलवे लाइन के ऊपर पुल बन जाता तो रानीपुर कसबा, प्रतापपुर, मंसा राम का अखाड़ा, महेशपुर, काठ का पुल, मेहंदीगंज, बिरुआचक, उदहमापुर, मुर्तुजीगंज, दीप नगर, महारानी कालोनी, कमलदह, गुलजारबाग, सुदर्शनपथ, मीनाबाजार में रहने वालों के लिए मेहंदीगंज गुमटी पार करना सुविधाजनक हो जाता।
लोगों ने बताया कि मेहंदीगंज के जल्ला क्षेत्र में कभी खेती होती थी। गुमटी मार्ग से होकर लोग अपने कृषि उत्पादन को बेचने के लिए गुलजारबाग हाट, मीनाबाजार व अन्य मंडियों तक पहुंचते थे। विकास की अव्यवस्थित दौड़ और भूमाफियाओं के कारण मेहंदीगंज की हरियाली, खेत, कई तालाब समाप्त हो गए।
हर तरफ कंक्रीट के जंगल फैल गए हैं। मकान और आबादी में इजाफा हो गया। मेहंदीगंज गुमटी पर आज भी मुसीबत से भरा और कई बार जानलेवा बन जाने वाला जाम बरकरार है। पटना साहिब विधान सभा सीट के लिए मतदान होने में केवल पंद्रह दिन शेष हैं।
क्षेत्र के बदले सियासी हालात के बीच इस क्षेत्र की त्रस्त जनता की खामोशी टूटने की उम्मीद की जा रहा है। मतदाताओं का कहना है कि ऐसा होने पर ही मेहंदीगंज गुमटी की समस्या का स्थाई समाधान संभव हो पाएगा।
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