दवाओं की खरीद की व्यवस्था बदली, 80 फीसद राशि मिलेगी BMSICL को, जानें फायदे
बिहार में सरकारी दवाओं की खरीद प्रक्रिया बदलेगी। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। जल्द ही व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा।
पटना, जेएनएन। जिलों में दवाओं और अन्य चिकित्सा के साजोसामान की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला किया है। दवाओं की केंद्रीकृत खरीद अब बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लि. (बीएमएसआइसीएल) के माध्यम से होगी। इसके लिए बजट में उपलब्ध की गई राशि का 80 प्रतिशत हिस्सा सीधे बीएमएसआइसीएल को जाएगा।
इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक जिले अपनी जरूरतों के मुताबिक दवाओं या फिर चिकित्सा उपकरणों की जानकारी सीधे निगम को देंगे। निगम इसकी आपूर्ति करेगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि पहले खरीद की राशि सीधे जिलों को भेज दी जाती थी। वे अपनी जरूरत के हिसाब से प्रस्ताव बीएमएसआइसीएल को देते थे। आपूर्ति होने के बाद जिलों के स्तर पर निगम को भुगतान होता था। कई बार इस प्रक्रिया से समस्या होती थी। इस वजह से पूर्व की व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार के मुताबिक पुरानी व्यवस्था से दवा आपूर्ति की श्रृंखला प्रभावित होती थी।
जिलों द्वारा या मेडिकल कॉलेज की ओर से समय पर बीएमएसआइसीएल को दवाओं या मेडिकल उपकरण का प्रस्ताव नहीं दिया जाता था। मनोज कुमार के मुताबिक सरकार एक और कदम उठाने जा रही है। अभी प्रति व्यक्ति 12 रुपये की दर से दवाओं के लिए बजट में उपबंध किया जा रहा है। जिसे बढ़ाकर 50 रुपये प्रति व्यक्ति करने पर विचार हो रहा है। 50 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से अतिरिक्त 600 करोड़ रुपये की दरकार होगी। इसके अलावे यह फैसला भी हुआ है कि केंद्र प्रायोजित योजना या केंद्रीय मद की राशि का शत प्रतिशत अब राज्य स्वास्थ्य समिति को जाएगा। राज्य योजना का 80 फीसद हिस्सा बीएमएसआइसीएल को जाएगा और 20 फीसद हिस्सा संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों को दिया जाएगा। चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए यह अनुपात 70 और 30 का होगा।
इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक जिले अपनी जरूरतों के मुताबिक दवाओं या फिर चिकित्सा उपकरणों की जानकारी सीधे निगम को देंगे। निगम इसकी आपूर्ति करेगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि पहले खरीद की राशि सीधे जिलों को भेज दी जाती थी। वे अपनी जरूरत के हिसाब से प्रस्ताव बीएमएसआइसीएल को देते थे। आपूर्ति होने के बाद जिलों के स्तर पर निगम को भुगतान होता था। कई बार इस प्रक्रिया से समस्या होती थी। इस वजह से पूर्व की व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार के मुताबिक पुरानी व्यवस्था से दवा आपूर्ति की श्रृंखला प्रभावित होती थी।
जिलों द्वारा या मेडिकल कॉलेज की ओर से समय पर बीएमएसआइसीएल को दवाओं या मेडिकल उपकरण का प्रस्ताव नहीं दिया जाता था। मनोज कुमार के मुताबिक सरकार एक और कदम उठाने जा रही है। अभी प्रति व्यक्ति 12 रुपये की दर से दवाओं के लिए बजट में उपबंध किया जा रहा है। जिसे बढ़ाकर 50 रुपये प्रति व्यक्ति करने पर विचार हो रहा है। 50 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से अतिरिक्त 600 करोड़ रुपये की दरकार होगी। इसके अलावे यह फैसला भी हुआ है कि केंद्र प्रायोजित योजना या केंद्रीय मद की राशि का शत प्रतिशत अब राज्य स्वास्थ्य समिति को जाएगा। राज्य योजना का 80 फीसद हिस्सा बीएमएसआइसीएल को जाएगा और 20 फीसद हिस्सा संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों को दिया जाएगा। चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए यह अनुपात 70 और 30 का होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।