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पटना : इस साल 27 हजार मोतियाबिंद ऑपरेशन करेगी संस्‍था, दृष्टिहीनों की मदद करना है मकसद

साईं लायंस नेत्रालय का सपना है कि पहले पटना उसके बाद प्रदेश से मोतियाबिंद का उन्मूलन हो जाये ।

By Krishan KumarEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:00 AM (IST)

नीरज कुमार, पटना : बात उन दिनों की है जब मैं बीआइटी सिंदरी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। उन दिनों कॉलेज की ओर से आसपास के कुछ गांवों को गोद लिया गया था। उन गांवों में कॉलेज के छात्र जाकर सामाजिक सेवा करते थे। गांवों में कॉलेज की ओर से स्वास्थ्य शिविर लगता था। कोऑडिनेटर के रूप में मैं उन शिविर का आयोजन करता था। तब उन कैंपों में सबसे ज्यादा मोतियाबिंद के मरीज आते थे। वे गरीब और लाचार होते थे। उन्हें सही मायने में इलाज की जरूरत होती थी।

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अंधापन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आज भी एक बड़ी समस्या है। लोगों की इस समस्या ने मुझे काफी प्रभावित किया। उसी समय मैंने संकल्प लिया कि आगे चलकर मोतियाबिंद के उन्मूलन के लिए काम करूंगा। यह संकल्प है इंजीनियर अशोक कुमार का, जो वर्तमान में पथ निर्माण विभाग में कार्यरत होने के साथ-साथ राजधानी में साईं लायंस नेत्रालय का संचालन कर रहे हैं। संस्था के चेयरमैन हैं।

नेत्रालय ने इस वर्ष 27 हजार मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया है। संस्था का सपना है कि पहले पटना उसके बाद प्रदेश से मोतियाबिंद का उन्मूलन करना है। इसके लिए अशोक कुमार ने 12 दिसंबर 2004 को 10 बेड का पहला अस्पताल राजधानी के कंकड़बाग में साईं मंदिर के पास खोला था। साईं मंदिर के पास होने के कारण ही अस्पताल का नाम साईं नेत्रालय रखा गया।

लायंस क्लब से मिला मार्गदर्शन
अशोक कुमार कहते हैं कि काफी पहले से मैं लायंस क्लब का सदस्य था। वर्ष 2001 में क्लब का डिस्ट्रिक गर्वनर बन गया। उस वर्ष पूरे देश में लायंस क्लब का सबसे युवा डिस्ट्रिक गर्वनर था। इस नाते देश व दुनिया घूमने का मौका मिला। कई देशों में भ्रमण के दौरान अहसास हुआ कि बिहार में भी लायंस क्लब को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए बड़ा कदम उठाना चाहिए।

तब तक क्लबों के द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाया जाता था। अस्पताल खोलने जैसी कोई योजना नहीं थी। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में लायंस क्लब की ओर से कई अस्पताल चलाए जा रहे थे। उससे सबक लेकर मैंने पटना में साईं नेत्रालय खोला। 10 बेड से शुरू हुए अस्पताल में वर्तमान में 150 बेड हैं।

पिछले साल किया था 22 हजार ऑपरेशन
पिछले साल सार्ईं नेत्रालय के तत्वावधान मे मोतियाबिंद के 22 हजार ऑपरेशन किए गए थे। इससे प्रोत्साहित होकर इस वर्ष 27000 हजार ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया है।

हर मोहल्ले में लगेगा प्रतिमाह शिविर
अशोक कुमार का कहना है कि संस्था प्रयासरत है कि प्रत्येक माह राजधानी के हर मोहल्ले में स्वास्थ्य शिविर लगाया जाए। अधिक से अधिक मरीजों की पहचान की जाए। उसके बाद मुफ्त में उनका ऑपरेशन कर चश्मा प्रदान किया जाएगा। यह एक लंबा अभियान है लेकिन वार्ड पार्षद की सहायता से इसे सफल बनाया जाएगा।


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