आनंद मोहन की रिहाई का मामला: नाखुश मायावती ने CM नीतीश कुमार पर उठाए सवाल, बोलीं- बिहार सरकार दलित विरोधी
बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई से संबंधित खबरों पर भड़कीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने बिहार सरकार से अपने निर्णय पर फिर से विचार करने की अपील भी की है।

पटना, जागरण संवाददाता। आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई संबंधी खबरों को लेकर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती भड़क गई हैं। इसे लेकर उन्होंने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार को दलित विरोधी करार दिया है।
दरअसल, आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन की रिहाई की मांग के बीच नीतीश सरकार ने जेल से रिहाई के नियमों में फेरबदल किया है। इससे आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
बसपा सुप्रीमो ने इस मामले में रविवार को ट्वीट कर नीतीश कुमार को दलित विरोधी करार दिया है। मायावती ने अपनी नाराजगी को जाहिर करने के लिए दो ट्वीट किए।
उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा कि बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है।
इसके बाद मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि आनन्द मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है। चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे।
बता दें कि बिहार में 2024 में लोकसभा के चुनाव और 2025 में विधानसभा के चुनाव से पहले बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहा किए जाने को लेकर लिए गए बिहार सरकार के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में आनंद मोहन अपने बेटे चेतन आनंद की शादी के लिए 15 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। शिवहर से विधायक चेतन आनंद का रिश्ता वैशाली के राघोपुर की रहने वाली आयुषी से तय हुआ था।
आनंद मोदन ने जेल से बाहर आते ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मुलाकात भी की थी। लेकिन इस दौरान जेल नियमों में संशोधन के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई।
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