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    Wedding Dates 2025: 18 नवंबर से गूंजेगी शहनाई, 4 दिसंबर तक शुभ मुहूर्त; नोट करें तिथियां

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 05:46 PM (IST)

    साल 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त 18 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक रहेंगे। इन तिथियों में शहनाई की गूंज सुनाई देगी, जो कई परिवारों के लिए खुशियां लेकर आएगी। यदि आप अगले साल शादी करने की योजना बना रहे हैं, तो इन शुभ तिथियों को अवश्य नोट कर लें ताकि आपकी योजना सफल हो सके।

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    18 नवंबर से गूंजेगी शहनाई, 4 दिसंबर तक शुभ मुहूर्त

    जागरण संवाददाता, पटना। कार्तिक शुक्ल एकादशी एक नवंबर शनिवार को श्री हरि विष्णु चार माह बाद योग निंद्रा से जागृत होंगे। भगवान विष्णु के निद्रा से जागृत होने के बाद मांगलिक कार्य आरंभ होगा। 16 नवंबर रविवार को सूर्य के तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में आने से शादी-ब्याह का दौर आरंभ हो जाएगा। शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त चातुर्मास की समाप्ति के बाद 18 नवंबर से आरंभ होगा। छह दिसंबर के बाद शादी-ब्याह पर विराम लग जाएगा।

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    पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार 10 तो बनारसी पंचांग के अनुसार 13 मुहूर्त है। बनारसी पंचांग के अनुसार नवंबर में नौ तथा दिसंबर में चार वैवाहिक लग्न है। मिथिला पचांग के अनुसार नवंबर में सात एवं दिसंबर में तीन दिन शुभ विवाह मुहूर्त है।

    नववर्ष में चार फरवरी से शुरू होगा विवाह:

    11 दिसंबर गुरुवार को पूर्व दिशा में शुक्र ग्रह के अस्त होने तथा वृद्धत्व दोष के कारण 8 दिसंबर सोमवार से विवाहादि शुभ कार्य नहीं होगा। 2026 के पहले मास जनवरी में खरमास की समाप्ति के बाद एवं शुक्र ग्रह के अस्त होने से शादी-ब्याह नहीं होंगे। एक फरवरी की शाम छह बजे शुक्र के उदित होने के साथ शादी-ब्याह का सिलसिला आरंभ होगा।

    शादी में ग्रहों की शुभता जरूरी

    शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बड़ा महत्वपूर्ण होता है। वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है।

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शादी के शुभ योग के लिए बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है। रवि गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभफलदायी होते हैं । इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है।

    ऐसे तय होते है शुभ लग्न-मुहूर्त

    शादी के शुभ लग्न व मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु एवं मीन लग्न में से किन्ही एक का होना जरूरी है।वहीं नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति,श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भद्र व उत्तरा आषाढ़ में किन्ही एक जा रहना जरूरी है।

    अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में से किन्ही एक की उपस्थिति रहने पर शुभ मुहूर्त बनता है।

    पटना के प्रमुख ज्योतिष विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा। तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में निषेद्ध है। विवाह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ एवं अगहन मास में हो तो अत्यंत शुभ होता है।

    वर्ष के वैवाहिक शुभ मुहूर्त

    बनारसी पंचाग के अनुसार

    • नवंबर: 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30
    • दिसंबर: 1,4,5,6
    • फरवरी: 4,5,6,7,8,10,11,12,13,14,15,19,20,21,24,25,26
    • मार्च: 2,4,5,7,8,9,10,11,12,13,14

    मिथिला पंचाग के मुताबिक

    • नवंबर: 20, 21, 23, 24, 26,27,30
    • दिसंबर : 1, 4, 5
    • जनवरी: 29
    • फरवरी: 5,6,8,15,19,20,22, 25, 26
    • मार्च: 4, 9,11,13