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    बिहार विधानसभा में इस बार नहीं सुनाई देंगी कई जानी-पहचानी आवाजें

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 06:55 AM (IST)

    इस बार विधानसभा में कई जाने-पहचाने चेहरे नहीं दिखाई देंगे। सदन में हमेशा गूंजने वाली कई आवाजें अब सुनाई नहीं देंगी। राजनीतिक बदलाव के कारण कई अनुभवी नेता इस बार विधानसभा का हिस्सा नहीं होंगे।

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    बिहार विधानसभा

    भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। विधानसभा के हर सत्र में गूंजने वाले कई चेहरों की आवाज नई विधानसभा में नहीं सुनाई देगी। चेहरे ऐसे कि बात-बात पर वेल में पहुंच जाएं। अध्यक्ष के आसन के नीचे फर्श पर धरने पर बैठ जाएं।

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    प्रश्न काल के दौरान बीच में ही हस्तक्षेप कर दें। आसन के मना करने पर भी अपनी बात कहकर ही दम लें। दरौली के भाकपा (माले) विधायक सत्यदेव राम का जिक्र सबसे पहले आता है।

    सदन के सुबह वाले सत्र मे जैसे ही कार्यवाही आरंभ हुई कि नहीं सत्यदेव राम अपनी सीट पर खड़े हो जाते और तेज आवाज में अपनी बात कहकर ही दम लेते। आसन उन्हें लाख समझाता की आपको अपनी बात रखने का मौका मिलेगा पर सत्यदेव राम शुरू रहते। इस बार सत्यदेव राम दरौली से चुनाव हार गए।

    इसी श्रेणी में एक नाम है भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम का। बात-बात पर वह भी वेल में पहुंच जाते थे। बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक महबूब आलम इस बार चुनाव हार गए। भाकपा विधायक दल के नेता सूर्यकांत पासवान भी इस बार विधानसभा में नहीं दिखेंगे। वह भी अपने दल की ओर से खूब बाते करते थे।

    शून्यकाल में नियमित रूप से सक्रिय रहने वाले ढाका के भाजपा विधायक पवन जायसवाल की आवाज भी इस बार विधानसभा में नहीं गूंजेगी। इस बार वह चुनाव हार गए हैं। ध्यानाकर्षण की सूचना देने वालों में लगातार राजद के डॉ. रामानुज प्रसाद का नाम आता रहा है।

    पर अब डॉ. रामानुज प्रसाद इस बार विधानसभा में नहीं दिखेंगे। वह चुनाव हार गए हैं। हाल के दिनों में मसौढ़ी की राजद विधायक रेखा देवी भी विधानसभा में खूब सक्रिय दिखतीं थी। वेल में अगर विपक्ष पहुंचता तो सबसे पहले वही जातीं। इस बार रेखा देवी चुनाव हार गयी हैं।

    तीन बड़े दिग्गज जो इस बार विधानसभा में नहीं दिखेंगे उनमें दो राजद के हेवीवेट और एक कांग्रेस के हैं। राजद के अवध बिहारी चौधरी जो विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं इस बार चुनाव हार गए हैं। वह नेता प्रतिपक्ष के बगल में बैठते थे।

    इसी तरह राजद के वरिष्ठ विधायकों में एक ललित यादव भी इस बार विधानसभा में नजर नहीं आएंगे। राजद के समीर महासेठ व कांग्रेस के अजित शर्मा भी नहीं दिखेंगे। ललित यादव ध्यानाकर्षण या शून्य काल की सूचना को लेकर लगातार सक्रिय रहा करते थे।

    इस बार वह चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान भी इस बार विधानसभा में नहीं दिखेंगे। अलग-अलग विषयों पर विधानसभा में चर्चा के दौरान वह अपनी बात तथ्यों के साथ किया करते थे।

    अपने बयानों के लिए लगातार चर्चा में रहने वाले हरिभूषण ठाकुर बचौल भी इस बार विधानसभा में नजर नहीं आएंगे। वह चुनाव हार गए हैं। राजद के अख्तरउल शाहीन, कांग्रेस की नीतू कुमारी, राजद की मंजू अग्रवाल शून्य काल में सक्रिय रहा करतीं थीं। इस बार इनकी सूचनाएं नहीं आएंगी। तीनों चुनाव हार गए हैं।