राज्य ब्यूरो, पटना। तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले का झूठा और भ्रामक वीडियो प्रसारित करने के आरोपित मनीष कश्यप की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

इस प्रकरण की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने मनीष कश्यप पर अब तीसरी एफआइआर दर्ज की है।

इस बार मनीष के खिलाफ अपने ट्विटर एकाउंट से खुद की गिरफ्तारी की भ्रामक तस्वीर पोस्ट करने पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

ईओयू ने रविवार को बताया कि अभियुक्त मनीष कश्यप के द्वारा अपने नए ट्विटर हैंडल पर अपनी गिरफ्तारी की तस्वीर पोस्ट की गई है, जो पूर्णत: असत्य तथा भ्रामक है।

यह तस्वीर पांच फरवरी 2019 की है, जब पटना पुलिस के द्वारा उसे गिरफ्तार किया गया था। अपने ट्विटर हैंडल पर किए गए असत्य पोस्ट के विरुद्ध मनीष कश्यप पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पहले से दर्ज हैं दो प्राथमिकी, दिल्ली में ढूंढ रही पुलिस

तमिलनाडु प्रकरण को लेकर यूट्यूबर मनीष कश्यप पर पहले से दो प्राथमिकी दर्ज हैं। दोनों ही प्राथमिकी आर्थिक इकाई थाने में दर्ज की गई हैं।

पहली प्राथमिकी पांच मार्च को दर्ज की गई थी। इसमें मनीष कश्यप, अमन कुमार, राकेश तिवारी और युवराज सिंह राजपूत के विरुद्ध प्रवासी बिहारियों पर हमले का भ्रामक वीडियो प्रसारित करने को लेकर मामला दर्ज किया गया था।

वहीं, दूसरी प्राथमिकी 10 मार्च को दर्ज की गई थी, जिसमें मनीष कश्यप समेत 3 अन्य अभियुक्तों पर जक्कनपुर के बंगाली टोला में नकली मजदूर बनकर पिटाई का झूठा वीडियो बनाने और उसे इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करने का मामला दर्ज किया गया था।

इन मामलों में अभी तक अमन कुमार, राकेश तिवारी को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत नोटिस देने के बाद भी ईओयू के सामने हाजिर नहीं हुए हैं। दोनों के विरुद्ध कोर्ट वारंट लेकर पुलिस दिल्ली समेत अन्य राज्यों में छापेमारी कर रही है।

Edited By: Yogesh Sahu