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    मखाना उत्‍पादाकों व उद्यम‍ियों के लिए गुड न्‍यूज; 476.03 करोड़ रुपये की बन गई योजना

    By Raman Shukla Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 09:37 PM (IST)

    मखाना किसानों और उद्यमियों के लिए खुशखबरी है। बिहार सरकार ने उनके लिए 476.03 करोड़ रुपये की एक योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य मखाना की खेती को बढ ...और पढ़ें

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    केंद्रीय मखाना विकास योजना को दी गई मंजूरी। सांकेत‍िक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के साथ ही देश में मखाना उत्पादन बढ़ाने, तकनीक हस्तांतरण, बाजार विस्तार, अनुदान, स्टार्टअप एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने की स्वीकृति दी गई। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को संपन्न हुई राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक लिया गया।

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    नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में हुई बैठक में मखाना क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने 476.03 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक संचालित होने वाली केंद्रीय मखाना विकास योजना को मंजूरी दी गई।

    किसानों व उद्यमियों को मिलेगा लाभ 

    इस योजना से अनुसंधान, बीज उत्पादन, किसानों की क्षमता-वृद्धि, कटाई और प्रसंस्करण तकनीक, मूल्य संवर्धन, मार्केटिंग एवं निर्यात को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। पहल से किसानों एवं नए उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। 

    बैठक में केंद्रीय मखाना विकास योजना एवं राष्ट्रीय मखाना बोर्ड (National Makhana Board) के क्रियान्वयन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से आरंभ की गई। राज्यों तथा अनुसंधान संस्थानों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई और विभिन्न घटकों पर बजट आवंटन को मंजूरी दी गई।

    प्रमुख रूप से बीज आवश्यकता को एकीकृत करने तथा वर्तमान और आगामी वर्ष के लिए गुणवत्ता युक्त बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के साथ ही अन्य शोध संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया।

    बुनियादी ढांचे समेत कई बिंदुओं पर ध्‍यान 

    कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और एनआरसी मखाना, दरभंगा को विभिन्न राज्यों के प्रशिक्षकों को मखाना मूल्य शृंखला की नवीनतम तकनीकों पर प्रशिक्षण प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई, ताकि पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों क्षेत्रों में मखाना उत्पादन में वृद्धि हो सके।
    बोर्ड ने मखाना आधारित आवश्यकता-आधारित अनुसंधान, उन्नत खेती एवं प्रसंस्करण तकनीकों के विकास, ग्रेडिंग, ड्राइंग, पॉपिंग और पैकेजिंग हेतु आधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग, बाजार संबंध और निर्यात अवसरों को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया।

    इससे मखाना उत्पादों की गुणवत्ता और उनकी घरेलू एवं वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा 15 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के औपचारिक शुभारंभ के साथ ही 2025-26 के केंद्रीय बजट में की गई घोषणा को मूर्त रूप दिया गया।

    बैठक में बिहार के कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डा. डीआर सिंह उपस्थित रहे।