लोहे से लोहा काटने के फार्मूले पर चला महागठबंधन, मोकामा में सूरजभान की पत्नी से अनंत सिंह का मुकाबला
महागठबंधन ने मोकामा में 'लोहे से लोहा' की रणनीति अपनाते हुए सूरजभान की पत्नी को अनंत सिंह के खिलाफ उतारा है। यह मुकाबला दो शक्तिशाली परिवारों के बीच राजनीतिक वर्चस्व की जंग है, जिसमें कांटे की टक्कर होने की संभावना है।

महागठबंधन से वीणा देवी तो जदयू से अनंत सिंह मैदान में
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन लोहे से लोहा को काटने के फार्मूला पर चल रहा है। एनडीए ने यहां से जदयू उम्मीदवार के रूप में दबंग अनंत सिंह को मैदान में उतारा है। महागठबंधन की ओर से वीणा देवी उनका मुकाबला कर रही हैं। वीणा पूर्व सांसद हैं। वह पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी हैं। दबंगों की दुनिया में कभी अनंत सिंह से बड़ा नाम सूरजभान सिंह का हुआ करता था। इसी के दम पर वे 2000 में मोकामा विधानसभा से निर्दलीय जीते थे। नीतीश कुमार की सात दिनों की पहली सरकार का समर्थन किया था। बाद में वे लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़ गए। अब राजद में आ गए हैं।
35 वर्षों से दबंग विधायक
ऐसे तो बिहार की राजनीति में दबंग हमेशा चर्चा में रहे हैं। लेकिन, अन्य विधानसभा क्षेत्रों में जहां दबंगों का आना-जाना रहता है, मोकामा पर 1990 से अबतक दबंगों का ही कब्जा रहा है। अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप कुमार सिंह ने 1990 में पहली बार कांग्रेस के वर्चस्व को तोड़ कर जनता दल उम्मीदवार की हैसियत से मोकामा में जीत हासिल की थी। 2000 में सूरजभान सिंह ने उन्हें चुनौती दी। वे निर्दलीय जीते। पांच साल बाद ही दिलीप सिंह के छोटे भाई अनंत सिंह ने इस सीट पर कब्जा जमा लिया। 2005 में अनंत सिंह जदयू टिकट पर जीते। तब से 2020 तक उनकी जीत होती रही। इस अवधि में वे एक बार निर्दलीय और एक बार राजट टिकट पर जीते। 2022 में एक मुकदमे में सजा मिलने के बाद अनंत सिंह को सजा मिली। विधानसभा की सदस्यता चली गई। उप चुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी जीती। इसबीच अनंत सिंह उस मामले में बरी हो गए। 2025 में स्वयं लड़ रहे हैं।
बराबरी की उम्मीदवारी
मोकामा ही हालत यह है कि अनंत सिंह यदि मैदान में हों तो परम्परागत राजनीतिक कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने में डर लगता है। अबतक हार के बावजूद सूरजभान के परिवार से ही उन्हें चुनौती मिलती रही है। विधानसभा के पिछले उपचुनाव में भी अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को सूरजभान की परिवारी सोनम देवी से चुनौती मिली थी। वह भाजपा उम्मीदवार थीं। सोनम को 63 हजार और नीलम को 79 हजार वोट मिले थे। सोनम राजद उम्मीदवार थीं। 2015 में जदयू ने नीरज कुमार को उम्मीदवार बनाया था। नीरज की आपराधिक छवि नहीं है। वे वामपंथी राजनीतिक पृष्ठभूमि से आए हैं। उनकी हार हो गई।
क्यों उत्साहित है राजद
मोकामा में सूरभान की पत्नी वीणा देवी को उम्मीदवार बनाने से राजद इसलिए उत्साहित है, क्योंकि वह हर मामले में अनंत सिंह का मुकाबला कर सकती हैं।उनके पति सूरभान भी अनंत सिंह की तरह दर्जनों आपराधिक मामलों में चर्चित रहे हैं। आर्थिक रूप से भी सूरजभान का परिवार संपन्न है। सूरभान की दलीय निष्ठा असंदिग्ध रही है। लोजपा के संस्थापक स्व. रामविलास पासवान से एक बार जुड़े तो उनके जीवन के अंत तक साथ रहे। उन्होंने बुधवार को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से त्याग पत्र दिया। राजद में शामिल हो गए। 2024 के लोकसभा चुनाव में मोकामा में राजद को बढ़त मिल गई थी।यह भी उत्साह का एक कारण है। यह मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।
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