Bihar Politics: बिहार की 5 सबसे हॉट सीटें, जहां महागठबंधन कर सकता है बड़ा 'खेल'
Lok Sabha Elections 2024 बिहार की 40 लोकसभा सीटों में राजग (NDA) ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पिछली दफा 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उस समय भी जदयू भाजपा और लोजपा एक साथ थे। इस दफा जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा का भी साथ है। ऐसे में बिहार में एनडीए को पटखनी देना महागठबंधन के लिए आसान नहीं है।
कुमार रजत, पटना। 2019 के लोकसभा चुनावों में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए एनडीए ने 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर जीत दर्ज की थी। 2019 में भी जेडीयू, भाजपा और लोजपा एक साथ थे। इस बार जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए के साथ हैं। ऐसे में महागठबंधन के लिए बिहार में एनडीए को पटखनी देना आसान नहीं होगा।
पिछले लोकसभा चुनाव के वोट गणित को देखें तो जहानाबाद, किशनगंज, पाटलिपुत्र, काराकाट और औरंगाबाद की पांच सीटें राजग के लिए सबसे कमजोर कड़ी रही थीं। इन पांच सीटों पर एक लाख से कम मतों से जीत-हार का फैसला हुआ था।
किशनगंज की सीट करीब 34 हजार वोटों से कांग्रेस के पास गई थी, जबकि बाकी सीटों पर जदयू और भाजपा के उम्मीदवार नजदीकी मुकाबले में जीते थे।
पाटलिपुत्र और जहानाबाद में फिर पुरानी लड़ाई
अभी तक राजग और महागठबंधन की ओर से सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की गई है, मगर कयास है कि तीन सीटों पर मुकाबला नए उम्मीदवारों के बीच होगा।
पाटलिपुत्र सीट पर लगातार तीसरी बार भाजपा के रामकृपाल यादव और राजद की मीसा भारती का मुकाबला लगभग तय है। मीसा को राजद ने सिंबल दे दिया है, जबकि रामकृपाल का टिकट तय माना जा रहा है।
पिछली बार रामकृपाल यादव ने महज 39,321 मतों से जीत दर्ज की थी। देखना होगा कि टिकट मिलने पर रामकृपाल जीत की हैट्रिक बना पाते हैं या नहीं।
जहानाबाद की सीट पर भी पिछली बार के उम्मीदवार जदयू के चंदेश्वर चंद्रवंशी और राजद के सुरेन्द्र यादव के बीच मुकाबला तय माना जा रहा है। पिछली दफा राजद के सुरेन्द्र यादव को महज 1751 वोटों से हार मिली थी। इस बार राजद ने फिर से सुरेंद्र को उम्मीदवार बनाया है।
काराकाट की सियासी तस्वीर क्या है?
काराकाट में पहले चरण में 19 अप्रैल को ही मतदान है। पिछले बार एनडीए से जदयू के महाबली सिंह उम्मीदवार थे, जिन्होंने महागठंधन की ओर से रालोसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे उपेंद्र कुशवाहा को 84,542 मतों से हराया था।
इस बार महाबली सिंह का टिकट कट चुका है। गठबंधन में सीट उपेंद्र कुशवाहा को मिल गई है। महागठबंधन की ओर से इस सीट से भाकपा माले का उम्मीदवार कुशवाहा को चुनौती देगी।
इसी तरह किशनगंज से इस बार जदयू के मास्टर मुजाहिद को उम्मीदवार बनाया गया है। पिछली बार मो. अशरफ जदयू उम्मीदवार थे, मगर कांग्रेस के मो. जावेद के हाथों 34,466 मतों से हार गए थे। कांग्रेस इस सीट से मो. जावेद को दोबारा मौका दे सकती है।
औरंगाबाद में भाजपा के सांसद सुशील सिंह ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के उपेंद्र प्रसाद को 72,607 मतों से हराया था। इस बार भाजपा दोबारा टिकट देती है, तो उनका मुकाबला जदयू से राजद में आए अभय सिंह कुशवाहा से होगा।
सबसे कम अंतर से हार-जीत वाली पांच सीटें
1. जहानाबाद - चंद्रेश्वर प्रसाद (जदयू) - सुरेन्द्र प्रसाद यादव (राजद) - 1751
2. किशनगंज - मो. जावेद (कांग्रेस) - सैयद मो. अशरफ (जदयू) - 34,466
3. पाटलिपुत्र - रामकृपाल यादव (भाजपा) - मीसा भारती (राजद) - 39,321
4. औरंगाबाद - सुशील सिंह (भाजपा) - उपेंद्र प्रसाद (हम) - 72,607
5. काराकाट - महाबली सिंह (जदयू) - उपेंद्र कुशवाहा (रालोसपा) - 84,542
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