बिहार में अकेले पड़ते चिराग पासवान को मिला बड़ा साथ, पूर्व सांसद से मुलाकात के बाद अटकलें तेज
लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग गुट) के अध्यक्ष चिराग पासवान और भारतीय सबलोग पार्टी के प्रमुख एवं पूर्व सांसद डा. अरुण कुमार के बीच मुलाकात ने राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि आने वाले समय में डा. अरुण कुमार लोजपा में जाएंगे। इसकी वजहें भी हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग गुट) के अध्यक्ष चिराग पासवान और भारतीय सबलोग पार्टी के प्रमुख एवं पूर्व सांसद डा. अरुण कुमार के बीच मुलाकात ने राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि आने वाले समय में डा. अरुण कुमार लोजपा में जाएंगे। इसकी वजहें भी हैं। एक समय डा.अरुण कुमार और उपेंद्र कुशवाहा ने मिलकर रालोसपा का गठन किया था। लेकिन, उपेंद्र कुशवाहा से मनमुटाव और राजनीतिक दूरी के बाद अरुण कुमार ने अपनी पार्टी का गठन किया। कुशवाहा से अलग होने के बाद अरुण कुमार भी अकेले पड़ गए हैं।
चिराग गुट के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सोमवार को हाजीपुर से लौटने के बाद चिराग पासवान आशियाना नगर स्थित डा.अरुण कुमार के आवास पर मुलाकात किए। इस दौरान दोनों के बीच काफी देर तक मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा हुई। लोजपा में टूट के बाद पूर्व सांसद सूरजनभान सिंह और पूर्व विधायक सुनील पाण्डेय सरीखे नेताओं और उनके समर्थकों के पशुपति कुमार पारस के साथ जाने के बाद उस खाली स्थान को भरने के लिए चिराग पासवान कवायद में जुट गए हैं। आने वाले समय में डा. अरुण कुमार लोजपा में शामिल हो जाएं तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए। दरअसल, चिराग अपने पिता के सियासी समीकरण को दुरुस्त करने की कोशिश में जुट गए हैं। अरुण कुमार, चिराग पासवान के साथ लोजपा में आते हैं तो उनकी ताकत बढ़ेगी। बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी में हाल ही में बड़ी टूट हुई थी। बिहार के छह सांसदों में से पांच ने पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया था इसके बाद लोजपा बिहार में दो गुटों में बंट गई थी। एक चिराग पासवान गुट और दूसरा पशुपति कुमार पारस गुट। चर्चा इस बात की भी है कि नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में पारस गुटके पशुपति कुमार पारस शामिल हो सकते हैं। हालांकि चिराग पासवान ने इस पर अपना विरोध जताते हुए कह दिया है कि अगर पशुपति मंत्री बने तो वह कोर्ट जाएंगे।