Bihar News: बिहार में यूपी से आ रही 25% शराब, बॉर्डर से 10 किलोमीटर दायरे में बढ़ेगी निगरानी
बिहार में उत्तर प्रदेश से आने वाली अवैध शराब की खेप को रोकने के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश के मद्य निषेध अधिकारियों ने एक बैठक की। इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब की दुकानों की विशेष निगरानी, गड़बड़ी पाए जाने पर विनिर्माता कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई, नई चेक पोस्ट की स्थापना, संयुक्त छापेमारी और आधुनिक संसाधनों के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में आने वाली अवैध शराब की खेप में करीब 25 प्रतिशत उत्तर प्रदेश से आ रही है। इस पर रोक के लिए शुक्रवार को बिहार और उत्तरप्रदेश के मद्य निषेध अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की। इसमें निर्णय लिया गया कि बिहार सीमा से सटे दस किमी की परिधि में उत्तर प्रदेश की शराब की दुकानों की खपत की विशेष निगरानी भी की जाएगी।
इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित विनिर्माता कंपनियों के विरुद्ध भी जांच और कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों में नई चेक पोस्ट की स्थापना कर निगरानी बढ़ाने और अवैध शराब के धंधेबाजों के विरुद्ध संयुक्त टीम बनाकर छापेमारी करने समेत कई अहम निर्णय लिए गए।
समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह, बिहार के एडीजी मद्य निषेध डॉ. अमित कुमार जैन, सचिव अजय यादव, आयुक्त सह महानिरीक्षक रजनीश कुमार सिंह तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इसके अलावा, दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों के सहायक आयुक्त एवं जिला उत्पाद अधिकारियों ने भी वीसी में भाग लिया।
दरअसल, इस साल जनवरी से मई तक बिहार में अवैध शराब के 64 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई, जिनमें से 25 प्रतिशत खेप उत्तर प्रदेश निर्मित विदेशी शराब की थी। ऐसे में संबंधित विनिर्माता कंपनियों के विरुद्ध निगरानी, जांच और आवश्यक दंडात्मक एवं निरोधात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
चुनाव के दौरान शराब पर विशेष निगरानी:
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान शराब तस्करी बढ़ने की आशंका है। इसको लेकर ही दोनों राज्यों के अधिकारियों ने समन्वय बैठक की। बिहार-यूपी के आठ-आठ यानी कुल 16 जिले करीब 1060 किमी की सीमा साझा करते हैं।
इनमें बिहार का रोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज और पश्चिम चंपारण जबकि उत्तरप्रदेश का सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, बलिया, गाज़ीपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज जिले शामिल हैं।
बैठक में देशी/विदेशी शराब दुकानों की निगरानी बढ़ाने, रेलवे, सड़क और नदी मार्गों से हो रही तस्करी पर रोक लगाने में आधुनिक संसाधनों जैसे सीसीटीवी, हैंड हेल्ड स्कैनर, ड्रोन, स्निफर डाग का उपयोग करने का सुझाव दिया गया। दोनों राज्यों के उत्पाद अधिकारियों के बीच नियमित समन्वय बैठक और सूचनाओं के आदान-प्रदान पर भी सहमति बनी।
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