बिहार में शराबबंदी और शराब की बोतलों के साथ लुका-छिपी का खेल
नया शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद बिहार में शराब की बड़ी खेपें बरामद हो रही हैं। सब्जी की टोकरी में और फ्रूट जूस के डिब्बे में शराब भरकर उसकी तस्करी की जा रही है।
पटना [काजल]। बिहार में नया शराबबंदी कानून लागू है जिसके तहत अब शराब की गंध भी मिली तो खैर नहीं, और बोतल मिली तब तो परिवार के सभी व्यस्क लोग हवालात के पीछे होंगे। इतने सख्त कानून के लागू होने के बावजूद पुलिस रोज कहीं-न-कहीं से देसी-विदेशी शराब जब्त कर रही है। शराब की बड़ी-बड़ी खेपें दूसरे राज्यों से तस्करी कर लाई जा रही हैं।
पूर्ण शराबबंदी के बाद हो रही लगातार छापेमारी के क्रम में बीयर की बोतलों, खासकर केन बीयर की बड़े पैमाने पर बरामदगी हुई है। उत्पाद विभाग के आंकड़ों के अनुसार बारह अक्टूबर तक 9,777 लीटर बीयर बरामद हुई है। उत्पाद आयुक्त एके दास के अनुसार अप्रैल से अब तक 1.10 लाख, 55 छापेमारी हुई है। 18,688 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जिसमें18,654 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। देसी और विदेशी शराब की बरामदगी भी बड़े स्तर पर हुई है। आधिकारिक तौर पर यह बताया गया कि अब तक 1.79 लाख लीटर विदेशी और 1.14 लाख लीटर देसी शराब की बरामदगी हुई है।
नए शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद भी शराब बरामद
पांच अप्रैल से बिहार में शराब का निर्माण करना तथा बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है। उसके बाद दो अक्टूबर से संशोधित कानून भी लागू किया गया है, फिर भी शराब की बोतलें बरामद होना यह दर्शाता है कि डर तो है लेकिन आदत के आगे रिस्क लेने में भी कोई दिक्कत है। छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं शराब की तस्करी करने उतर आई हैं और पुलिस के लिए यह सिरदर्द बन गया है।
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सब्जी की टोकरी, फ्रूट जूस के डिब्बे में भरकर आ रही शराब
शराब की तस्करी करने वाले सब्जी की टोकरी में सब्जियों के नीचे छुपाकर, सामान- दूध के डिब्बे में शराब भरकर यहां तक की फ्रूट जूस के पैक में जूस के बदले शराब भरकर लेकर आ रहे हैं और अ्च्छी कीमत में बेच रहे हैं। कुछ दिनों पहले तो कार लोन चुकाने के लिए दो लोगों ने शराब की तस्करी करनी शुरु कर दी, उनका कहना था कि कुछ दिनों से एेसा कर रहे हैं और अभी मुंहमांगी कीमत मिल जा रही है।
विपक्ष का एक सुर - शराबबंदी का नया कानून सही नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को बड़ा एजेंडा बनाकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना देख रहे हैं लेकिन उनके अपने गठबंधन में भी मतैक्य नहीं है। वहीं विपक्षी पार्टियां शराबबंदी के पक्ष में तो हैं लेकिन नए शराबबंदी कानून को तालिबानी कानून करार देकर इसे नीतीश कुमार की जिद बता रही हैं। सबने एक सुर में कहा है कि शराबबंदी तो ठीक है लेकिन इस कदर किसी पर अपनी मनमानी थोपना सही नहीं है।
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पटना हाई कोर्ट ने रद किया कानून तो सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार
पटना हाई कोर्ट ने जब शराबबंदी के अधिनियम को रद कर दिया तो बिहार सरकार ने तुरत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया, इतनी बड़ी मुहिम को रद करने का कोर्ट का आदेश सुनते ही राज्य की नीतीश सरकार को बड़ा आघात लगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी, जिससे उनकी बांछें खिल गईं।
शराब की बड़ी खेपें बरामद, शराबबंदी पर प्रश्नचिन्ह
बिहार में शराब की बड़ी खेपें जब्त होना नीतीश की शराबबंदी कानून पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। पीने-पिलाने वाले चादर ओढ़कर घी पीने में मस्त हैं। आखिर लोगों को डर क्यों नहीं हो रहा है। लेकिन गोपालगंज की घटना के बाद निचला तबका अब जहरीली शराब बनाने और पीने की जुर्रत नहीं कर रहा है। दूसरी यह बात भी है कि शराबबंदी के बाद विदेशी सैलानियों का बिहार आना कम हो गया है।
उत्पाद विभाग और प्रशासन की कार्रवाई जारी
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के आयुक्त कुंवर जंग बहादुर ने बताया कि विभाग द्वारा शराबबंदी को लेकर राज्यभर में छापेमारी अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है। राज्य की सीमा में शराब लेकर आना-जाना या पीते हुए पाए जाने पर कार्रवाई की जा रही है। राज्य के रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर भी निगरानी रखी जा रही है।
बहादुर ने बताया कि अप्रैल और मई महीने में कुल 54,769. 8 लीटर देशी शराब, 37,670 लीटर विदेशी, 421.2 लीटर मसालेदार देशी, 5,916 लीटर ताड़ी, 19427.4 लीटर स्प्रीट तथा 19312.6 लीटर चुलाई शराब जब्त की गई। उन्होंने बताया कि कर्तव्यहीनता के आरोप में विभाग के सात पदाधिकारियों को बर्खास्त किया गया है। इनमें तीन अवर निरीक्षक, एक सहायक अवर निरीक्षक, दो सिपाही (कांस्टेबल) एवं एक चालक शामिल है।