Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Lhasa Market: सज गया ल्‍हासा मार्केट का बाजार, जयपुर की रजाई व दिल्ली की लेदर जैकेट से हुआ गुलजार

    By Shubh NpathakEdited By:
    Updated: Thu, 05 Nov 2020 10:34 AM (IST)

    Cold Weather Market ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों के लिए मशहूर ल्‍हासा मार्केट का बाजार सज गया है। इस बार यहां कई नई चीजें आई हैं। बुद्ध मार्ग में स्थित परिसर में आकर अपने मनपसंद कपड़ों की खरीदारी कर सकते हैं।

    ल्‍हासा मार्केट में खरीदारी करने के लिए पहुंचे लाेग। जागरण

    पटना, जेएनएन। ठंड के दस्तक देते ही नवंबर से जनवरी तक चलने वाला ऊनी कपड़ों का बाजार लग गया है। राजधानी में बीते 43 वर्षों से तिब्बती शरणार्थी पटना वासियों के लिए ऊनी कपड़ों का बाजार सजाते आ रहे हैं। बुद्ध मार्ग स्थित श्रीसत्यनारायण ट्रस्ट परिसर में बुधवार से ऊनी कपड़ों का ल्हासा बाजार सज गया है। यहां नई डिजाइन के ब्लेजर, बंडी, लेदर जैकेट, स्वेटर, टोपी, मफलर समेत कई प्रकार के कपड़ों के स्टॉल लगाये गये हैं। तीन महीने तक चलने वाले बाजार के बारे में आयोजक विक्की पांडेय व मनोज सिंह ने बताया कि इस बार दिल्ली की लेदर जैकेट, जयपुर की रजाई, हिमाचल प्रदेश के ऊलेन कपड़े आकर्षण का केंद्र होंगे। इनकी कीमत भी बाजार के मुताबिक ही रखी गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिना मास्क के नहीं मिलेगा किसी को प्रवेश 

    ग्राहकों को बिना मास्क के प्रवेश नहीं मिलेगा। प्रवेश के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क ग्राहकों से नहीं लिया जाएगा। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। आयोजक ने बताया कि बाजार सुबह साढ़े दस बजे से लकर रात साढ़े नौ बजे तक खुला रहेगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार कम स्टॉल लगाए गए हैं। बीते साल 250 स्टॉल थे तो इस बार 150 स्टॉल बने हैं। खरीदारी के दौरान ग्राहकों को शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। दुकान के स्टॉल भी दूर-दूर पर बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से बाजार में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

    ठंड के कपड़े खरीदने के लिए तरजीह देते हैं लाेग

    ठंड के कपड़े खरीदने के लिए लोग ल्‍हासा मार्केट को तरजीह देते हैं। यह मार्केट पटना जंक्‍शन के आसपास लगातार कई दशक से केवल नवंबर से जनवरी तक के लिए लगता है। पहले यहां कीमतों में काफी बारगेन होती थी। दुकानदार कई गुना अधिक कीमत बताकर कम कीमत में भी कपड़े बेच देते थे, लेकिन अब यहां रेट को लेकर काफी एकरूपता आ गई है। अब बारगेनिंग कम होती है। ऐसे में ठगे जाने का डर कम रहता है।