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Bihar Politics: बिहार विधानसभा का पहला पांच दिवसीय विशेष सत्र शुरू, दो दिन तक विधायक लेंगे शपथ

विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह शुरू हो गया है। तीसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। पहले ही दिन कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया तो एआइएमआइएम के विधायक ने हिंदुस्‍तान शब्‍द बोलने से इंकार कर असहज स्थिति पैदा कर दी। यहां देखिए विधान सभा में पहले दिन की हलचल

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 03:21 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 03:55 PM (IST)
Bihar Politics: बिहार विधानसभा का पहला पांच दिवसीय विशेष सत्र शुरू, दो दिन तक विधायक लेंगे शपथ
सीएम नीतीश कुमार और डिप्‍टी सीएम तारकिशोर प्रसाद विधान सभा पहुंचने पर विधायकों का अभिवादन स्‍वीकार करते हुए ।

पटना, राज्य ब्यूरो। 17वीं विधानसभा का पहला पांच दिवसीय सत्र आज सोमवार (23 नवंबर) से शुरू हो गई है। 17वीं विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित विधायकों सभी 243 विधायकों को दो दिनों में शपथ दिलाई जाएगी।  पहले दिन 122 और दूसरे दिन 123 विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी।इस प्रकार शपथ ग्रहण प्रक्रिया पूरी होगी। शपथ के लिए विधानसभा पहुंचने वाले नवनियुक्त विधायकों को विधानसभा संचालन प्रक्रिया से संबंधित मार्गदर्शिका और पुस्तक मुहैया कराया गया। इसके साथ ही जिन विधायकों का नंबर मंगलवार को आएगा उन्हें सेंट्रल हॉल में प्रवेश के पहले ही वापस कर दिया गया। पहली पारी में 12 बजे तक शपथ  दिलाई जायेगी।

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 दूसरी पारी में 2 बजे से फिर शपथ प्रक्रिया शुरू होगी। पहले दो दिन प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी सदस्यों को शपथ दिला रहे हैं। तीसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।

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 कांग्रेस विधायको का हंगामा

 निर्वाचित विधायकों के शपथ से पहले ही कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया है। कांग्रेस विधायक सदन के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं । वे गुलनाज़ मामला पर हंगामा कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक शकील खान,अजीत शर्मा,नीतू सिंह आदि नारेबाजी कर रहे हैं।

एआइएमआइएम के विधायक का हिंदुस्‍तान बाेलने से इंकार

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जैसे ही एआइएमआइएम के विधायक अख्‍तरूल इमाम का नाम पुकारा गया उन्‍होंने शपथ पत्र में लिखे हिंदुस्‍तान शब्‍द पर आपत्ति जाहिर कर दी। कहा हिंदुस्‍तान के संविधान के नाम पर नहीं भारत के संविधान के नाम पर शपथ लूंगा। प्रोटेम स्‍पीकर जीतन राम मांझी ने कहा कि यह कोई पहली बार तो नहीं हो रहा है। उन्‍होंने शपथ लेने का आग्रह किया। मगर अख्‍तरूल नहीं माने। वे हिंदुस्‍तान नहीं बोलने पर अड़े रहे। कहा ऊर्दू में भारत लिखा होता है। इससे सदन में कुछ देर के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई।

 विधान सभा में शपथ ग्रहण के पहले जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर व संजय झा ई-कार से विधान सभा पहुंचे ।

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शपथ लेने के पहले विधानसभा लॉबी में जदयू विधायक शालिनी मिश्रा, मीना कामत, परिवहन मंत्री शीला मंडल और भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह आपस में बतियाते हुए काफी खुश नजर आईं।

इस मायने में खास होगा सत्र

इस बार का विशेष सत्र इस मायने में भी खास होगा कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही की जगह बदल जाएगी। विधानसभा की कार्यवाही 23 नवंबर से 27 नवंबर तक नए बने सेंट्रल हॉल में चलेगी। इसी हॉल में प्रथम दो दिन सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी और 26 नवंबर को राज्यपाल फागू चौहान संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। विधान परिषद की दो दिनों तक (26 और 27 नवंबर) को चलने वाली कार्यवाही को विधानसभा वेश्म में आयोजित किया जाएगा। संबंधित अधिसूचना रविवार को जारी कर दी गई है। विधान परिषद की कार्यवाही भी पहली बार विधानसभा में होने जा रही है। मानसून सत्र के दौरान भी दोनों सदनों की जगह बदली गई थी। संसदीय व्यवस्था के करीब सौ सालों के इतिहास में पहली बार विधानमंडल परिसर से बाहर ज्ञान भवन में सत्र का आयोजन किया गया था।

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मानसून सत्र की तरह ही इस बार भी बेहद सावधानी बरती जा रही है। पूरे परिसर को अभी से सैनेटाइज किया गया है। सभी विधायकों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सदन में भी दूर-दूर बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

 नंद किशोर बनेंगे स्पीकर

 नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी सोमवार और मंगलवार को शपथ दिलाएंगे। बुधवार को नए स्पीकर का चुनाव होना है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव का विधानसभा अध्यक्ष बनना तय है। तेजस्वी यादव को पहले ही राजद ने अपना नेता चुन लिया है। अब वे सदन में नेता प्रतिपक्ष की हैसियत में आ जाएंगे।

इस बार 90 नए चेहरे

 पिछले सत्र के 154 चेहरे इस बार नहीं दिखेंगे। वे या तो हार गए हैं या टिकट वितरण के दौरान दलों ने भी उनपर दोबारा भरोसा नहीं किया। विधानसभा चुनाव में इस बार 90 को पहली बार विधायक बनने का मौका मिला है, जबकि पिछले सत्र के सिर्फ 89 विधायकों की ही वापसी हुई है। 64 विधायक ऐसे भी हैं, जो पहले किसी न किसी चुनाव में जीतकर विधायक बनते रहे हैं।


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