Bihar Election 2020: महत्वपूर्ण मोड़ पर लालू परिवार की विरासत, राघोपुर और हसनपुर में कड़े मुकाबले में तेजस्वी-तेज प्रताप
Bihar Election 2020 दूसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें लालू यादव के दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव की सीट राघोपुर और हसनपुर भ ...और पढ़ें

पटना, राज्य ब्यूरो । Bihar Election 2020: दूसरे चरण के चुनाव की सर्वाधिक चर्चा इसलिए भी है कि लालू परिवार का राजनीतिक भविष्य भी इसी दौर में तय होना है। लालू-राबड़ी की विरासत के लिए यह सबसे बड़ी परीक्षा है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री प्रत्याशी तेजस्वी यादव राघोपुर से दूसरी बार मैदान में हैं। पिछली बार महुआ सीट से जीतने वाले तेजप्रताप यादव इस बार हसनपुर से किस्मत आजमा रहे हैं। दोनों के लिए कड़ी और बड़ी लड़ाई है। परसा क्षेत्र की हार-जीत से भी लालू परिवार अछूता नहीं रह सकता है। यहां से लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार चंद्रिका राजद के टिकट पर जीतकर आए थे और राज्य सरकार में मंत्री बने थे। चंद्रिका ने बेटी ऐश्वर्या का रिश्ता भी लालू परिवार से इसी दौरान जोड़ा था। बाद में दोनों परिवारों में खटास आ गया और मामला तलाक तक पहुंच गया। अब छत्तीस का रिश्ता है। जीत हो या हार चंद्रिका चर्चा में बने रहेंगे।
वोट बैंक पर भरोसा पर चुनौतियां कम नहीं
माना जा रहा है कि लालू प्रसाद का कोर वोट बैंक इस बार पूरी तरह एकजुट दिख रहा है। फिर भी राघोपुर क्षेत्र में तेजस्वी के लिए चुनौती कम नहीं है। यादव बहुल राघोपुर को लालू परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है। यहां से लालू दो बार और राबड़ी एक बार विधायक बन चुकी हैं। खुद तेजस्वी यादव ने भी पिछला चुनाव यहां से करीब 22 हजार मतों से जीता था। तब प्रतिद्वंद्वी सतीश राय थे। इस बार भी वही हैं। यह वही सतीश हैं, जिन्होंने 2010 में जदयू के टिकट पर राबड़ी देवी को हराकर सनसनी मचा दी थी। अबकी भाजपा के टिकट पर तेजस्वी को चुनौती दे रहे हैं।
कभी थे भरोसेमंद अब विपक्षी खेमे में
तेजस्वी के सामने दूसरी बड़ी चुनौती भोला राय और पंछीलाल राय पेश कर रहे हैं। दोनों कभी लालू परिवार के भरोसेमंद थे। अबकी राजग में हैं। सतीश राय के साथ घूम रहे हैं। भोला राघोपुर से तीन बार विधायक बन चुके हैं। उन्होंने लालू प्रसाद के लिए 1995 में अपनी सीट छोड़ दी थी। अबकी एमएलसी नहीं बनाए जाने से नाराज होकर जदयू का दामन थाम लिया। प्रत्येक चुनाव में लालू परिवार के सर्वेसर्वा हुआ करते थे। इस बार सतीश के लिए उसी भूमिका में हैं। पंछीलाल राय राजद के जिलाध्यक्ष थे। अब वह भी सतीश के साथ हैं।
तेज प्रताप को भी कड़ी टक्कर
महुआ सीट छोड़कर हसनपुर में किस्मत आजमा रहे तेजप्रताप यादव का रास्ता भी सहज नहीं है। जदयू से दो बार के विधायक रह चुके राजकुमार राय से मुकाबला है। दोनों स्वजातीय हैं। क्षेत्र का समीकरण दोनों के अनुकूल है। कड़ी टक्कर है।

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