वाम नेताओं ने चेताया, जनता को धमकी नहीं दें, नीतीश सरकार से वादे पूरा करने की मांग
वामपंथी नेताओं ने नीतीश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह जनता को डराने की बजाय अपने चुनावी वादे पूरे करे। उन्होंने सरकार से जनता की समस्याओं का समाधान करने की मांग की है। नेताओं ने कहा कि सरकार को जनता के साथ न्याय करना चाहिए।

नीतीश सरकार पर वाम नेताओं का हमला। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: वामपंथी पार्टियों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही सीपीआइ और सीपीएम नेताओं ने जनता से किए गए वादे पूरे करने की मांग भी की है।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के राज्य सचिव ललन चौधरी ने बिहार चुनाव में जनता से किए गए वादों और घोषणाओं की याद NDA की सरकार को दिलाई है।
उन्होंने कहा कि अपनी घोषणाओं पर नीतीश (CM Nitish Kumar) सरकार अमल करे और जनता पर बुलडोजर राज नहीं थोपे। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और नौकरी के संबंध में किए गए वादों पर फौरी अमल करके दिखाए।
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा का चुनाव में जनता ने एनडीए को प्रचंड बहुमत दिया है।नई सरकार भी बन चुकी है। अब जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर तेजी से अमल करने का समय है।
सरकार बुलडोजर राज की धमकी देकर जनता को डराने की कोशिश नहीं करे। जनता तानाशाही सरकार को कतई बर्दास्त नहीं करेगी।
भूमिहीनों को पांच-पांच डिसिमिल जमीन दे सरकार : भाकपा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि बिहार में फिर से एनडीए सरकार बनते ही गरीबों को उजाड़ने की कार्रवाई तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले भूमिहीनों को पांच-पांच डिसमिल जमीन उपलब्ध कराए तब उनके घरों को उजाड़े। बिहार में बुल्डोजर की राजनीति नहीं चलेगी।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिख कर अतिक्रमण के नाम पर भूमिहीन परिवारों के आशियाने को हटाने संबंधी कार्रवाई को रोकने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का संकल्प है कि किसी भी भूमिहीन को उजाड़ने से पहले पांच-पांच डिसिमिल भूमि वास के लिए दी जाएगी, लेकिन वास की भूमि दिए बगैर ही अतिक्रमण के नाम पर भूमिहीनों को उजाड़ने की कार्रवाई की जा रही है, जो अनुचित है।

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