Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Land Acquisition: अब हर जिले में जमीन के रेट तय करेगी 5 सदस्यीय कमेटी, सरकार का अहम फैसला

    Updated: Wed, 23 Apr 2025 02:00 PM (IST)

    बिहार में केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाओं के लिए अधिग्रहण की जमीन का दर (Land acquisition rates Bihar) निर्धारण करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिला स्तर पर पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति जमीन की किस्म और प्रकार का भी निर्धारण करेगी जिससे मुआवजा निर्धारण में पारदर्शिता आएगी और विवाद कम होंगे।

    Hero Image
    हर जिले में जमीन के रेट तय करेगी 5 सदस्यीय कमेटी, सरकार का अहम फैसला

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने केंद्र एवं राज्य सरकार की विकास योजनाओं के लिए जमीन का दर निर्धारण के लिए जिला स्तर पर पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति दर के अलावा जमीन के किस्म एवं प्रकार का भी निर्धारण करेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर समिति के गठन की जानकारी दी है। अपर समाहर्ता (राजस्व) इस समिति के अध्यक्ष हैं।

    जिला भू अर्जन पदाधिकारी सदस्य सचिव, जिला अवर निबंधक उप विकास आयुक्त एवं जिस क्षेत्र में जमीन का अधिग्रहण हो रहा है, उसके भूमि सुधार उप समाहर्ता सदस्य बनाए गए हैं।

    अधिग्रहण की ग्रामीण जमीन का वर्गीकरण सात श्रेणियों में किया गया है-

    ये हैं: व्यवसायिक भूमि, औद्योगिक भूमि, आवासीय भूमि, उच्च मार्ग तथा मुख्य सड़क के दोनों किनारे की भूमि, सिंचित भूमि, असिंचित भूमि, एवं बलुआही, पथरीली, दियारा और चंवर की भूमि।

    इसी तरह शहरी क्षेत्र की जमीन का वर्गीकरण छह श्रेणियों में किया गया है-

    ये हैं: प्रधान सड़क व्यवसायिक, आवासीय भूमि, मुख्य सड़क की भूमि, औद्योगिक भूमि, शाखा सड़क की भूमि, अन्य सड़क की भूमि, कृषि एवं गैर-आवासीय भूमि। भूमि अधिग्रहण की नई व्यवस्था में जमीन की डिजिटल फोटो एवं वीडियोग्राफी का प्रविधान है। इसमें जमीन पर उपस्थित सरकारी अधिकारियों का भी फोटो रहेगा।

    यह व्यवस्था क्यों?

    जमीन की प्रकृति को लेकर रैयत और अधिग्रहण करने वाले विभाग के बीच विवाद होता है। रैयतों की शिकायत रहती है कि उनकी जमीन की प्रकृति बदल दी गई है। उनकी जमीन आवासीय थी, लेकिन मुआवजे का निर्धारण चोती की जमीन के आधार पर किया गया है, इसलिए अब अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के समय ही जमीन की प्रकृति का निर्धारण हो जाएगा।

    नए दर का निर्धारण नहीं

    जमीन अधिग्रहण में बड़ी परेशानी निबंधन की न्यूनतम दर निर्धारण में देरी के कारण हो रही है। न्यूनतम दर का निर्धारण 2017 में हुआ था। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने निबंधन विभाग से नया दर निर्धारित करने का आग्रह किया है।

    ये भी पढ़ें- Abhiyan Basera Bihar 2025: अभियान बसेरा में जहां कम जमीन का आवंटन, वहां सरकार ने दिए जांच के निर्देश

    ये भी पढ़ें- Bihar Land Mutation: दाखिल-खारिज में देरी पर प्रशासन सख्त, 2 DCLR से मांगा जवाब; 7 CO को चेतावनी