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    लालू ने PM मोदी के भाषण को बताया 'फ्लॉप शो', कहा- देता हूं जीरो नंबर

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Sun, 01 Jan 2017 10:36 PM (IST)

    राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पीएम मोदी के भाषण को फ्लाप बताते हुए उसे शून्‍य अंक दिया। कहा कि यह टांट-टांय-फिस्स रहा। जनता की उम्मीदों पर पानी फिर गया।

    पटना [जेएनएन]। नोटबंदी के 50 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने पूरी तरह फ्लाप शो करार दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार को इसके लिए जीरो नंबर दिया। कहा कि लोगों को इस दिन का इंतजार था। पीएम से काफी उम्मीदें थीं। गरीबों को लग रहा था कि कालाधन वसूलने का ढोल पीटने के बाद पीएम सबके खाते में 15-15 लाख देने वाले हैं, लेकिन पानी फिर गया।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश के बाद शनिवार देर रात लालू प्रसाद ने उनपर करारा हमला किया। भाषण में नोटबंदी की चर्चा नहीं करने पर तंज कसते हुए लालू ने कहा कि पीएम ने भी मान लिया है कि उनका अभियान बुरी तरह फेल हो गया। इसीलिए इसकी कोई चर्चा नहीं की। उपलब्धि होती तो पीट-पीटकर ढोल फाड़ देते।

    लालू ने पीएम के संदेश को नववर्ष की पूर्व संध्या पर भाव-हीन, प्रभाव-हीन, उत्साह-हीन एवं घुटनों के बल रेंगता हुआ प्री-बजट भाषण बताया। मोदी को चुनौती देते हुए राजद प्रमुख ने कहा कि त्याग-बलिदान की कथा एवं परमार्थ की बातें अपने अमीर मित्रों को सुनाकर देखें। दो मिनट में कुर्सी छिन जाएगी। इस शुद्धि यज्ञ की ओट में गरीबों की बलि चढ़ाने का अधिकार आपको किसने दिया है?

    पीएम पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए लालू ने कहा कि 50-50 दिन चिल्लाने वाले पीएम पर अब कोई भरोसा नहीं करेगा। सैकड़ों लोगों की जान चली गईं। 25 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया। इसके बावजूद इतना संवेदनहीन व हृदयहीन भाषण। अफसोस का एक शब्द भी नहीं।

    मोदी से सवालों की झड़ी लगाते हुए लालू ने पूछा कि अर्थव्यवस्था का कितना नुकसान हुआ। इसकी भरपाई कैसे होगी? जीडीपी में कितनी गिरावट आई? नए नोट छापने पर कितना खर्च हुआ? कितना कालाधन आया? बैंकों में कितना जमा हुआ? कितनी नौकरी गई?

    लालू ने कहा कि मोदी को बताना चाहिए था कि आम लोगों की फजीहत के बाद कितना कालाधन आया। कितने भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई हुई। जो लोग कतारों में खड़े रहकर मर गए, उनके परिजनों को कितना मुआवजा दिया जाएगा। फैक्ट्रियों के बंद होने से बेरोजगार होने वाले लाखों युवाओं को सरकार कितनी राशि देगी।