लालू-राबड़ी समेत 14 की बढ़ीं मुश्किलें, जमीन के बदले नौकरी घोटाले में सीबीआइ ने दाखिल की चार्जशीट
Bihar politics रेलवे में उनके कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में सीबीआइ ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सीबीआइ ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व 14 अन्य के खिलाफ जमीन के बदले रेलवे में नौकरी प्रकरण में आरोपपत्र दाखिल किया है। लालू प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री के रूप में रहते हुए काफी लोगों से जमीन लेकर बदले में उन्हें रेलवे में ग्रुप- डी में नौकरियां दी। इसी मामले में सीबीआइ ने दिल्ली की राउज कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया।
रेलवे के समूह घ में नौकरी देने का मामला काफी पुराना है। लालू प्रसाद 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे। उन पर आरोप है कि पद पर रहते हुए उन्होंने बिहार में बड़ी संख्या में लोगों को रेलवे में नौकरी देने का प्रलोभन दिया और बदले में उनसे जमीन ली। सीबीआइ ने करीब एक वर्ष पहले 23 सितंबर को इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की। पुख्ता सबूत हाथ लगने के बाद सीबीआइ ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की। सीबीआइ ने आरोप प्रमाणित होने के बाद इसी वर्ष 20 मई को लालू के पटना स्थित आवास के साथ ही देश के अलग-अलग 17 ठिकानों पर छापे मारे। लालू के साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्री मीसा भारती, हेमा यादव एवं जमीन देकर नौकरी लेने वाले कुछ अन्य लोगों पर केस दर्ज किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी।
राजद के कई नेताओं के यहां पड़ चुके हैं छापे
गौरतलब है कि मामला केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान हुए जमीन के बदले नौकरी संबंधी कथित घोटाले का है। जांच एजेंसी के मुताबिक उम्मीदवारों की ग्रुप डी में नियुक्ति की गई थी। इसके बदले नौकरी पाने वालों ने अपनी या परिवार के सदस्यों की जमीन दी थी। आरोप है कि यह भूमि राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती के साथ हेमा यादव के नाम पर की गई थी। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन लालू परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी। इसके पहले सुनील सिंह, अशफाक करीम, फैयाज अहमद और विधान परिषद के पूर्व सदस्य सुबोध राय समेत राजद के कई वरिष्ठ नेताओं के परिसरों में नौकरी के बदले जमीन के मामले में छापे मारे जा चुके हैं।
भोला यादव को सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार
इसी मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो के आफिसर आन स्पेश ड्यूटी (ओएसडी) रहे भोला यादव को जुलाई में सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। भोला 2005 से 2009 तक लालू के ओएसडी थे। जांच एजेंसी ने पटना से लेकर दरभंगा तक के भोला के ठिकानों पर छापे मारे थे। उनपर आरोप है कि पटना में कुछ संपत्तियों के मालिकों तथा उनके परिवार के सदस्यों को रेलवे में नौकरी देने के बदले में उनकी संपत्तियों को पूर्व मंत्री के परिवार के सदस्यों को बेच दिया गया या भेंट के तौर पर दिया गया था। मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर एवं हाजीपुर के रेलवे जोन में नौकरी पाने वाले 12 लोगों के अलावा राजद सुप्रीमो, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को इस मामले में नामजद किया है।