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कंडोम कंट्रोवर्सी में बुरी फंसीं बिहार की लेडी आइएएस, मांगी माफी; सीएम नीतीश व महिला आयोग ने लिया संज्ञान

बिहार की सीनियर आइएएस अधिकारी हरजोत कौर एक कार्यक्रम में छात्राओं से बातचीत के दौरान कंडोम देने की बात कह विवादों में फंस गईं हैं। अब उन्‍होंने माफी मांग ली है। उनके बयान का मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लिया है। राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने भी स्‍पष्‍टीकरण मांगा है।

By Amit AlokEdited By: Thu, 29 Sep 2022 05:04 PM (IST)
कंडोम कंट्रोवर्सी में बुरी फंसीं बिहार की लेडी आइएएस, मांगी माफी; सीएम नीतीश व महिला आयोग ने लिया संज्ञान
समाज कल्‍याण विभाग के कार्यक्रम में हरजोत कौर।

पटना, आनलाइन डेस्‍क। लैंगिक असमानता मिटाने के चल रहीं योजनाओं की जानकारी दे रहीं महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक व सीनियर आइएएस अधिकारी हरजोत कौर ने छात्राओं को गजब की नसहीत दी। जब छात्राओं ने सेनिटरी नैपकिन दिलाने का आग्रह किया तो उन्होंने स्वावलंबन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि आज सरकार से 20-30 रुपये के सैनिटरी पैड की मांग है, कल परिवार नियोजन की बात आने पर क्या निरोध (कंडोम) भी देना होगा? इस खबर के मीडिया में आने के बाद अब आइएएस अधिकारी ने पत्र जारी कर माफी मांगी है। इस बीच राष्‍ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने उनसे स्‍पष्‍टीकरण मांगा है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मामले का संज्ञान लिया है।

दोषी पर होगी कार्रवाई: नीतीश

महिला आइएएस अधिकारी के बयान को लेकर मीडिया के सवाल पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले की उन्‍हें जानकारी मिली है। जो भी दोषी होगा, कार्रवाई की जाएगी।

एनसीडब्‍ल्‍यू सख्‍त, मांगा जवाब

एनसीडब्‍ल्‍यू की अध्‍यक्ष रेखा शर्मा ने मीडिया रिपोर्ट्स का स्‍वत: संज्ञान लेते हुए जिम्‍मेदार पद पर बैठी आइएएस अधिकारी के व्‍यवहार को असंवदनशील व शर्मनाक करार दिया है। एनसीडब्‍ल्‍यू ने उनसे इस मामले में सात दिनों के अंदर अपना जवाब देने को कहा है।

आइएएस अधिकारी ने मांगी माफी

एनसीडब्‍ल्‍यू के स्‍पष्‍टीकरण मांगने व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के मामले का संज्ञान लेने के बाद अब आइएएस अधिकारी ने पत्र जारी कर माफी मांगी है। उन्‍होंने कहा है कि अगर उनकी बातों से किसी लड़की की भावना आहत हुई है तो वे माफी मांगती हैं।

मंत्री बोले: रखना चाहिए था संयम

इस बीच बिहार सरकार के समाज कल्‍याण मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक हरजोत कौर ने किस परिस्थिति में ऐसा बयान बयान दिया, यह तो वे ही बता सकती हैं। हां, उन्‍हें संयम बरतना चाहिए था। उन्हें बच्चों को सरकार की योजनाओं की जानकारी देनी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी से सम्मानजनक भाषा की उम्मीद सभी करेंगे।

क्‍या है पूरा मामला, यह भी जानिए

पूरा मामला समाज कल्‍याण विभाग के एक कार्यक्रम का है। उसमें हरजोत कौर छात्राओं को लैंगिक असमानता मिटाने की चल रहीं योजनाओं की जानकारी दे रही थीं। छात्राओं के यह कहने पर कि उन्‍हें सेनिटरी नैपकिन नहीं मिल रहा है, उन्‍होंने कहा खुद को इतना सक्षम बनाओ कि किसी से मांगने की जरूरत नहीं पड़े। मांगों का कोई अंत नहीं है। हर चीज सरकार ही देगी क्या? वे इतने पर ही नहीं रुकीं। कहा- कल जींस पैंट और परसों जूते मांगोगी। आज 20-30 रुपये के सैनिटरी पैड की मांग है, कल परिवार नियोजन की बात आने पर क्या निरोध (कंडोम) भी देना होगा? एक छात्रा के यह कहने पर कि सरकार को इसलिए पैसे देने चाहिए क्योंकि वह वोट मांगने आती है, वे बोलीं कि मत दो वोट, चली जाओ पाकिस्तान। एक छात्रा के स्‍कूल में शौचालय टूटा होने के कारण उसमें लड़कों के घुसने की बात कहने पर उन्‍होंने पूछा- तुम्हारे घर में अलग से शौचालय है?