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    जवानी में कई गजलें अधूरी छूट जाती हैं, कई ख्वाहिश दिल में पूरी छूट जाती हैं..

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 15 Mar 2021 01:39 AM (IST)

    काफी समय बाद कवि डॉ. कुमार विश्वास पटना के श्रोताओं से मुखातिब थे।

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    जवानी में कई गजलें अधूरी छूट जाती हैं, कई ख्वाहिश दिल में पूरी छूट जाती हैं..

    पटना । काफी समय बाद कवि डॉ. कुमार विश्वास पटना के श्रोताओं से मुखातिब थे। रविवार की शाम को यादगार बनाने के लिए वनबंधु परिषद के 12वें वार्षिकोत्सव 'एक शाम एकल के नाम' का आयोजन बापू सभागार में किया गया। सभागार में कवि डॉ. कुमार विश्वास की कविताओं का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला। कवि विश्वास ने साहित्य, व्यंग्य, राजनीति के अलग-अलग रंगों पर कविताएं पेश कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

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    डॉ. विश्वास ने मंच पर आते ही दर्शकों को अभिवादन किया और अपने रंग में रंग गए। कविताओं को पेश करने से पहले बिहार की धरती को नमन करते हुए इसे पुण्य की धरती कहा।

    : रचनाकारों ने बढ़ाया बिहार का मान :

    कवि डॉ. कुमार विश्वास ने मैथिली, हिदी और उर्दू के रचनाकारों को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि बिहार की धरती साहित्यिक रूप से उर्वरा धरती है। दिनकर, रेणु, नागार्जुन की परंपरा को लोग बढ़ाने में लगे हैं। हिदी में मुजफ्फरपुर की अनामिका को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलना आधी आबादी के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि बिहार और यूपी की धरती पवित्रता और पुण्य की धरती रही है। यहां भगवान कृष्ण, राम, बुद्ध, महावीर आदि अवतरित हुए हैं।

    राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में पार्टियां बनेंगी और टूटेंगी पर देश नहीं टूटना चाहिए, देश रहना चाहिए। कवि ने बंगाल में होने वाले चुनाव पर कहा कि वहां तो जय श्रीराम के नारे से 'लोग' भयभीत हो रहे हैं। राजनीति परिर्वतनशील होती है लेकिन कविता नहीं। राजनीति में विचारों को महत्व देने की जरूरत है।

    : विश्वास की कविताएं सुन युवाओं का बढ़ा विश्वास :

    डॉ. विश्वास ने प्रेम, ओज रस से जुड़ी कई कविताएं दर्शकों के सामने पेश कीं। उन्होंने अपनी मशहूर कविता 'कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है..' पेश कर वाहवाही लूटी।

    कवि ने युवा मन को पढ़ते हुए 'जवानी में कई गजलें अधूरी छूट जाती हैं, कई ख्वाहिश तो दिल ही दिल में पूरी छूट जाती हैं' पेश कर सभी का दिल जीता। उन्होंने कविता में कश्मीर का जिक्र करते हुए 'मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे वतन, मेरे वेदों के संस्कृत के व्याकरण की कसम, खुबानी, सेब जैसे मीठे आचरण की कसम, तेरी कुर्बानी में डूबी हुई सदियों की कसम' पेश कर युवा मन को खूब आनंदित किया।

    : क्रियाकलापों पर डाला गया प्रकाश :

    कार्यक्रम के दौरान वनबंधु परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग लाल बागरा, अध्यक्ष राधेश्याम बंसल, 'एकल' अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग लाल बागरा, पूर्व पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने परिषद के क्रियाकलापों के बारे में बताया। परिषद को सहयोग देने वाले नौ डोनर को कुमार विश्वास ने सम्मानित किया। अध्यक्ष राधेश्याम बंसल ने बताया कि एकल विद्यालय अभियान वनबंधु परिषद की ओर से संपूर्ण भारत में चल रहा है। परिषद की ओर से बुलेटिन का भी विमोचन किया गया। मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष विजय किशोरपुरिया एवं रमेश चंद गुप्ता, कमल नोपानी, संयोजक अनिल रिटोलिया एवं गोपाल मोदी, महावीर अग्रवाल, रामलाल खेतान, एमपी जैन, गोपाल मोदी, संजय मोदी मौजूद थे।

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