संतोष झा हत्याकांड की कहानी-नाबालिग से किस तरह करवाया ये काम, जानिए
संतोष झा हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक उत्तर बिहार के कुख्यात अपराधी बाल बंदियों का ब्रेनवॉश कर उनसे हत्या औऱ लूटपाट जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिलवा रहे हैं।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। संतोष झा हत्याकांड के बाद यह बात सामने आई है कि उत्तर बिहार के कुख्यात अपराधी मोतिहारी पर्यवेक्षण गृह के बाल बंदियों से बड़ी घटनाओं को अंजाम दिलवा रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुख्यात अपराधी रुपये और नशे का लोभ देकर बाल बंदियों से हत्या और लूट करवा रहे हैं। वे उन्हें संतुष्ट कराते हैं कि अगर घटना के बाद तुम पकड़ में भी आ जाते हो तो तुम्हें कुछ नहीं होगा। तुम जेल में नहीं जाकर पर्यवेक्षण गृह में ही जाओगे।
पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि संतोष झा की हत्या में शामिल शूटर को भी कुख्यातों ने ही लालच दिया था। कानून की जानकारी दी थी। तब उसने पर्यवेक्षण गृह से भाई के इलाज के नाम पर आवेदन देकर छुट्टी ली। फिर साथियों के साथ सीतामढ़ी पहुंचा। वहां उसे हथियार उपलब्ध कराया गया। इसके बाद उसने सीतामढ़ी कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए गैंगस्टर संतोष झा की हत्या कर दी।
दर्जनभर हैं फरार
स्थानीय पर्यवेक्षण गृह से एक माह के अंदर दर्जन बाल बंदी फरार हो चुके हैं। आधा दर्जन ऐसे बाल बंदी हैं जो छुट्टी लेकर निकले तो लौट कर नहीं आए हैं। इनमें चकिया, छतौनी रामगढ़वा, तुरकौलिया, व ढाका के बाल बंदी शामिल हैं। इनके खिलाफ हत्या, दुष्कर्म और लूट के मामले दर्ज हैं।
माकूल सुरक्षा के बीच निकल जाते बाल बंदी
पर्यवेक्षण गृह में माकूल सुरक्षा व्यवस्था रहने के बाद भी बाल बंदी फरार हो जाते हैं। इससे यह साबित होता है कि व्यवस्था में छेद है। पर्यवेक्षण गृह की सुरक्षा के लिए बिहार पुलिस की एक चार, होमगार्ड के एक चार और पर्यवेक्षण गृह के तीन सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। रात में पुलिस पर्यवेक्षण गृह की औचक जांच कर जायजा लेती है। फिर भी बंदी भाग जाते हैं।
उम्र कम करा चुके 19 बदमाश
हाल में उम्र छिपाकर बाल बंदी बनने व बाल सुधार गृह में जाने के मामले आए हैं। हालांकि, पुलिस ने इन्हें चिह्नित कर लिया गया है। वहीं, मंडल कारा में बंद कई बदमाश उम्र कम करा कर पर्यवेक्षण गृह में जाने की तैयारी में हैं। इस तरह के 19 बदमाशों की सूची बनाकर पुलिस ने कोर्ट को भेज दी है।
जांच में फर्जी निकला प्रमाण पत्र
रधुनाथपुर ओपी क्षेत्र के निवासी बादल सहनी ने भी गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में उम्र कम कराने के लिए प्रमाण पत्र दिया था। मगर जांच में फर्जी निकला। इसके बाद नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इसके अलावा हथियार के साथ पकड़े गए शार्प शूटर लाल साहेब उर्फ तरुण कुमार भी फर्जी प्रमाण पत्र व जन्म प्रमाण पत्र देकर बाल सुधार गृह में आ गया था। इसके अलावा सुमन सौरभ, सिगरेट ङ्क्षसह, ङ्क्षरकू गुप्ता, शम्स खान, राजा कुमार, ओम प्रकाश, सन्नी कुमार, गूडू कुमार श्रीवास्तव आदि के नाम हैं। इसमें कई अभी पुलिस पकड़ से बाहर हैं।
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