Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kidney Transplant In Patna AIIMS: अब पटना एम्स में होगा किडनी प्रत्यारोपण, स्वीकृति पत्र मिलने का इंतजार

    डा. अनूप कुमार ने कहा कि टीम भौतिक निरीक्षण के बाद सभी आवश्यक कागजात अपने साथ ले गई है। सभी मानक पूरे हैं अप्रूवल लेटर मिलते ही प्रत्यारोपण शुरू किया जाएगा। डा. अमरेश कृष्णा ने कहा कि प्रदेश की 10 प्रतिशत आबादी किडनी संबंधी किसी न किसी रोग की चपेट में है। गत एक वर्ष में किडनी रोगियों की संख्या में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    By Pawan Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 05 Apr 2024 02:17 PM (IST)
    Hero Image
    अब पटना एम्स में होगा किडनी प्रत्यारोपण, स्वीकृति पत्र मिलने का इंतजार

    जागरण संवाददाता, पटना। एम्स पटना में किडनी प्रत्यारोपण के लिए अब बस एक अनुमति पत्र का इंतजार है। जैसे ही उच्च समिति की अनुशंसा के आधार पर स्वास्थ्य विभाग अप्रूवल लेटर देगा, संस्थान में किडनी प्रत्यारोपण शुरू हो जाएगा।

    गुरुवार को किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति देने के पहले जांच करने आई पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम के तैयारियों से संतुष्ट होते ही अंतिम बाधा भी दूर हो गई है।

    सोटो (स्टेट आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन) के अध्यक्ष सह आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल, स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर इन चीफ, दो फिजिशियन व पीएमसीएच के किडनी रोग विशेषज्ञ ने एम्स पटना की किडनी प्रत्यारोपण यूनिट को संतोषप्रद पाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    निरीक्षण के दौरान एम्स पटना के निदेशक डा. गोपाल कृष्ण पाल, चिकित्साधीक्षक डा. अनूप कुमार, नेफ्रोलाजी के विभागाध्यक्ष डा. अमरेश कृष्णा, यूरोलाजी के विभागाध्यक्ष डा. कमलेश गुंजन, नेत्र रोग के विभागाध्यक्ष डा. अमित राज के अलावा बायोकेमेस्ट्री की डा. बनर्जी व माइक्रोबायोलाजी के प्रोफेसर टीम के साथ थे।

    एम्स के निदेशक डा. गोपाल कृष्ण पाल ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति ने किडनी प्रत्यारोपण की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया है, लेकिन अभी तक हमें फाइनल अप्रूवल पत्र नहीं मिला है। उसके मिलते ही किडनी प्रत्यारोपण शुरू कर दिया जाएगा।

    डा. अनूप कुमार ने कहा कि टीम भौतिक निरीक्षण के बाद सभी आवश्यक कागजात अपने साथ ले गई है। सभी मानक पूरे हैं, अप्रूवल लेटर मिलते ही प्रत्यारोपण शुरू किया जाएगा। डा. अमरेश कृष्णा ने कहा कि प्रदेश की 10 प्रतिशत आबादी किडनी संबंधी किसी न किसी रोग की चपेट में है। गत एक वर्ष में किडनी रोगियों की संख्या में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    इसके विपरीत डायलिसिस पर जी रहे रोगियों में से तीन प्रतिशत से भी कम का किडनी प्रत्यारोपण हो रहा है। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में सिर्फ आइजीआइएमएस में यह सुविधा है। निजी अस्पतालों में पारस एचएमआरआइ, रूबन मेमोरियल, बिग अपोलो स्पेक्ट्रा व जयप्रभा मेदांता में ही यह सुविधा है। एम्स पटना इस जटिल सर्जरी को करने की पूरी तैयार कर चुका है। संस्थान में डोनर व रिसीवर की सर्जरी विश्वस्तरीय आधुनिक मशीनों से की जाएगी।

    ये भी पढ़ें- Bihar Politics: नीतीश कुमार को बड़ा झटका, इस नेता ने थाम लिया कांग्रेस का हाथ; टिकट नहीं मिलने से थे नाराज

    ये भी पढ़ें- लालू यादव और मुकेश सहनी की मुलाकात से इन सीटों पर अटकलें तेज! महागठबंधन में अब तक 13 उम्मीदवारों पर पेंच