तेजी से फैल रही किडनी की बीमारी, पटना के डाक्टर बोले, ये लक्षण दिखें तो बिना देरी करवाएं जांच
दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में पीएमसीएच के वरीय नेफ्रोलाजिस्ट डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि किडनी की बीमारी तेजी से फैल रही है। समय रहते इसके ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। क्रोनिक किडनी डिजिज (सीकेडी) की समस्या तेजी से सामने आ रही है। लोगों में जानकारी के आभाव में किडनी फेल्योर होने के बाद ही बीमारी की जानकारी हो रही है। आंकड़े बताते है कि 10 प्रतिशत लोगों में किडनी की समस्या है। बीमारी की जानकारी दोनों किडनी में परेशानी आने के बाद ही सामने आती है। ऐसे में किडनी से संबंधित कोई भी लक्षण या अपने परिवार में पूर्व की इतिहास हो तो हर वर्ष किडनी की जांच जरूर कराना चाहिए। यह बातें पीएमसीएच के वरीय नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ डा. हर्षवर्द्धन ने कहीं। वह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो डाक्टर में पाठकों के सवाल दे रहे थे। प्रस्तुत है चुनींदा प्रश्न व उनके जवाब।
पैर में सूजन है, पहले से लकवा की शिकायत है।: भोला प्रसाद, कंकड़बाग।
- प्रारंभिक रूप से आप नजदीकी नेफ्रोलाजिस्ट व न्यूरोलाजिस्ट से दिखाएं। वैसे कभी-कभी जिस साइड लकवा की समस्या होती है कुछ महीनों तक सूजन की समस्या रहती है।
बीपी-शुगर की समस्या है, किडनी की समस्या हो सकती है।: शैलेश सिंह, हाजीपुर, रमेश सिंह, बिहिया।
- हां, बीपी-शुकर वाले मरीज किडनी के अधिक रिस्क फैक्टर वाले मरीज होते है। ऐसे में आप अपने बीपी-शुगर को नियंत्रित रखें। समय-समय पर क्रिएटनीन व यूरिन की जांच कराते रहें।
क्रिएटनीन बढ़ने पर क्या एक ही किडनी खराब होती है।: संजय सुमन, फतुहा, सुमन धनरूआ।
- नहीं, दोनों किडनी फेल्योर की समस्या आने के बाद ही क्रिएटनीन बढऩे की घटना होती है। ऐसे में क्रिएटनीन बढ़ने की समस्या हो तो तुरंत नजदीकी नेफ्रोलाजिस्ट से दिखाना चाहिए।
परिवार में किडनी की समस्या है तो क्या सावधानी बरतनी चाहिए।: राहुल, आशियाना, मालती गया।
- परिवार में किडनी की समस्या है तो आपको भी सर्तक रहना चाहिए। हर वर्ष किडनी की आवश्यक जांच कराते रहना चाहिए।
किडनी फेल्योर मरीजों की प्रत्यारोपण कब होती है।: उषा कुमारी, आरपीएस मोड़, रंजय कंकड़बाग।
- सीकेडी फाइव स्टेज में जाने के बाद मरीज की किडनी प्रत्यारोपण की प्रक्रिया की जाती है। तब तक उन्हें डायलिसिस के माध्यम से रिकवर करने की कोशिश की जाती है।
गर्मी में पानी का रखें विशेष ख्याल
डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि भीषण गर्मी को देखते हुए सामान्य लोगों के साथ-साथ किडनी मरीजों को पानी का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। सामान्य लोगों को इतना पानी पीना चाहिए कि दो-तीन लीटर यूरिन डिस्चार्ज हो। किडनी के मरीजों को डाक्टर से मिलकर पानी को लेकर मात्रा का निर्धारण कराना चाहिए। धूप अधिक होने के कारण हीट स्ट्रोक की संभावना अधिक है। सीधे धूप में जाने से बचना चाहिए। शरीर में पानी का संतुलन बना कर रखना चाहिए। यदि पेशाब में प्रोटीन रेड ब्लड सेल्स आ रहा हो तो आपको ग्लोमेरुलो नेफ्राइटिस की समस्या हो सकती है। ऐसे में तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए।
किडनी के बीमारी के लक्षण
- सूजन
- खून की कमी
- भूख कम लगना
- सुबह उठने पर उल्टी का अहसास
- यूरिन में प्रोटीन आना
- ड्राई व खुजली वाली त्वचा
- भूख में कमी आना

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