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    Kendriya Vidyalaya: सिवान-बक्सर समेत 7 जिलों में खुलेंगे केंद्रीय विद्यालय, सरकार ने उपलब्ध कराई जमीन

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 06:37 PM (IST)

    बिहार सरकार राज्य में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय है। आठ केंद्रीय विद्यालयों के लिए भूमि प्रदान की गई है और 16 नए विद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है। सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में कम से कम एक केंद्रीय विद्यालय हो। वर्तमान में 53 केंद्रीय विद्यालय चल रहे हैं और 16 नए खुलने से इनकी संख्या 69 हो जाएगी।

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    सात जिलों में आठ केंद्रीय विद्यालयों को सरकार ने उपलब्ध करायी जमीन

    दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार सरकार द्वारा आठ केंद्रीय विद्यालयों के लिए भूमि उपलब्ध करा दी गई है। इनमें छपरा, सिवान (जीरादेई), औरंगाबाद, बक्सर, देवकुंड (औरंगाबाद), बेगूसराय (बरौनी), सुपौल (वीरपुर) और मुजफ्फरपुर (झपहा) के केंद्रीय विद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा प्रस्तावित 16 नये केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध कराने संबंधी आवश्यक कार्रवाई चल रही है।

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    शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम एक केंद्रीय विद्यालय की स्थापना होनी है। इस दिशा में केंद्रीय मदद के मद्देनजर बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित नये केंद्रीय विद्यालयों को स्थापित करने हेतु भूमि उपलब्ध कराने की तेजी से आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

    इसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। अभी सात और केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि उपलब्ध कराने की प्रक्रियाधीन है। इनमें गोपालगंज, हाजीपुर, दरभंगा, नवादा, मोतिहारी, महाराजगंज एवं जमुई के केंद्रीय विद्यालय हैं।

    केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए राज्य सरकार आमतौर पर पांच एकड़ से 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराती है। हालांकि, यह जमीन की उपलब्धता और केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, शहरी क्षेत्रों में 2.5 एकड़ और छोटे शहरों में 5 एकड़ भूमि भी पर्याप्त हो सकती है।

    यहां पर प्रस्तावित नये केंद्रीय विद्यालय

    राज्य में 16 नये केंद्रीय विद्यालय को स्थापित करने का प्रस्ताव हैं। जिन स्थानों पर ये केंद्रीय विद्यालय प्रस्तावित हैं, उनमें बिहारशरीफ, नालंदा, दीघा (पटना), बाल्मी (पटना), मुंगेर, मुजफ्फरपुर, आरा, बोधगया, भागलपुर, कैमूर, मधेपुरा, मधुबनी, शेखपुरा, दरभंगा, पूर्णिया एवं अरवल शामिल हैं। इनमें से कैमूर, मधेपुरा, मधुबनी, शेखपुरा एवं अरवल में अब तक एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं थे।

    जिलाधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

    नये केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के बाद बिहार में केंद्रीय विद्यालयों की कुल संख्या बढ़कर 69 हो जाएगी। वर्तमान में बिहार में 53 केंद्रीय विद्यालय संचालित हैं। खास बात यह कि नए केंद्रीय विद्यालयों के प्रस्ताव में पटना और नालंदा को विशेष महत्व दिया गया है। दोनों जिलों में दो-दो नये केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे।

    शिक्षा विभाग का कहना है कि सरकार के इस फैसले से न केवल शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए नये विद्यालयों की स्थापना के पहले जमीन की उपलब्धता और बुनियादी सुविधाओं का आकलन जरूरी है।

    इसके लिए संबंधित जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों में उपयुक्त जमीन की पहचान करें और सर्वेक्षण रिपोर्ट जल्द से जल्द जमा करें। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

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