गाय को घर में रखने से केवल दूध नहीं, इतने फायदे कि आप चौंक सकते हैं; पटना में एक्सपर्ट्स ने ये कहा
Benefits of Cow गाय के साथ समय व्यतीत करने पर मन को शांति मिलती है। परेशानी एवं चिंता को दूर करने में इसका साथ सकारात्मक परिणाम देती है। वास्तुशास्त्र ...और पढ़ें

पटना, जागरण संवाददाता। गाय को लेकर न्यायालय का फैसला पूरी तरह वैज्ञानिक अध्ययनों पर आधारित है। मानव जीवन का हर पहलू गाय से जुड़ा है। पृथ्वी और गाय जीवन की प्रतीक है। इसलिए भारतीय शास्त्र व दर्शन में इसे माता की संज्ञा दी गई है। यह कहना है कि पटना साइंस कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. राधाकांत प्रसाद का। उन्होंने बताया कि गाय का महत्व शास्त्र से ज्यादा विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरा है। गाय के दूध, घी, मूत्र, गोबर आदि सभी पर शोध हो चुका है। इसके परिणाम चौंकाने वाले आए हैं। भारत सहित अमेरिका और यूरोप में किए गए अध्ययन में स्पष्ट हुआ है कि गाय के साथ समय व्यतीत करने पर मन को शांति मिलती है। परेशानी एवं चिंता को दूर करने में इसका साथ सकारात्मक परिणाम देती है। वास्तुशास्त्र फेंगशुई के अनुसार परिवार में सुख-सौभाग्य की बढ़ाने के लिए गाय रखना चाहिए। पढ़ाई में एकाग्रता के लिए छात्रों के स्टडी टेबल पर गाय का प्रतीक रखना अच्छे परिणाम देने वाला होता है।
गाय के लिए शहरों में बनाए जाएं केंद्र
नेशनल यूथ अवार्डी वीरेंद्र शर्मा का कहना है कि गाय पर सिर्फ चर्चा ही नहीं होनी चाहिए। उनके संरक्षण व देखरेख के लिए शहरों में केंद्र खोले जाने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरों में मवेशी की स्थिति ज्यादा खराब होती है। दूध नहीं देने वाली गायों को कई पशुपालक छोड़ देते हैं। वह चारा के लिए सड़कों पर भटकते रहती है। इसपर सरकार के साथ-साथ समाज को भी सक्रिय होना होगा।
गोशाला की स्थिति नहीं है संतोषजनक
गौ संरक्षण से जुड़े देवदत्त प्रसाद का कहना है कि राज्य की अधिसंख्य गोशाला की जमीन पर अवैध कब्जा है। राज्य में 95 बड़े और लगभग 220 छोटे गोशाला 1980 के आसपास हुआ करते थे। आज बड़े गोशाला की संख्या 40 से अधिक नहीं है। जो बचे हैं। उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं है। पहले भी गोशाला समाज के लोगों के सहयोग से संचालित किए जाते थे। अब लोगों की सक्रियता कमी है। विश्व हिंदू परिषद से जुड़े गौरव अग्रवाल का कहना है कि प्राचीन काल से ही भारत में गोधन को मुख्य धन माना गया है। गोरक्षा, गोसेवा एवं गोपालन पर हमेशा से बल दिया गया है। यह समृद्धि की प्रतीक रही है। हिंदू शास्त्रों, वेदों में गोरक्षा, गो महिमा, गोपालन आदि के प्रसंग हैं। गौ पृथ्वी की प्रतीक है।

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