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    खान-पान संतुलित रखें, सप्‍ताह में पांच दिन करें ये काम; पटना के डाक्‍टर ने बताए लिवर को ठीक रखने के उपाय

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Mon, 29 Aug 2022 07:34 AM (IST)

    Fatty Liver Causes and Treatment इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्‍थान के चिकित्‍सक ने दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो डाक्‍टर में लोगों के प्रश्‍ ...और पढ़ें

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    मोटापे के कारण तेजी से बढ़ रही फैटी लिवर की समस्‍या। सांकेतिक तस्‍वीर

    पटना, जागरण संवाददाता। निष्क्रिय जीवनशैली और अनियमित खानपान के कारण बढ़ता वजन, घंटों बैठकर काम करने की विवशता और मधुमेह की बढ़ती समस्या के कारण आमजन खासकर शहरी क्षेत्र के लोगों में फैटी लिवर (Fatty Liver) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पिज्जा-बर्गर जैसे जंकफूड, अधिक तले-भुने खाने से परहेज, सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तेजी से टहना, हरी सब्जी-फल, स्प्राउट समेत पौष्टिक आहार और वजन नियंत्रित करना जरूरी है। यदि फैटी लिवर से शुरुआत में छुटकारा नहीं पाया गया तो आगे चलकर यह लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बन सकता है जिसका इलाज सिर्फ लिवर ट्रांसप्लांट है।

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    लिवर में फैट जमा होने से सिकुड़ने लगती हैं कोशिकाएं

    निष्क्रिय-अनियमित जीवनशैली व मोटापे के कारण लिवर में वसा जमा होने से उसकी कोशिकाएं सिकुड़ने लगती है। समय पर सचेत नहीं होने पर लिवर सिकुड़ जाता है और सिरोसिस व कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। सामान्यत: लिवर कैंसर सिरोसिस या हेपेटाइटिस सी के बाद होता है लेकिन कई बार सीधे भी लिवर कैंसर हो जाता है। मधुमेह या थायराइड जैसे दूसरे रोग होने पर फैटी लिवर के गंभीर परिणामों की आशंका और बढ़ जाती है। ये बातें आइजीआइएमएस में पेट एवं लिवर रोग विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डा. संजीव कुमार झा ने रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो डाक्टर में कहीं।

    फैटी ल‍िवर की समस्‍या से बचाव के उपाय

    फास्टफूड व शराब के बढ़ते चलन के कारण गत दो दशक में हर दस में से दो लिवर रोगियों से बढ़कर आठ यानी चार गुना हो गई है। बचाव के लिए समय पर सोना-जागना व खाना-नाश्ता, सात-आठ घंटे की भरपूर नींद और तेजी से टहलना। मधुमेह, वजन, थायराइड, ब्लड प्रेशर जैसे कारक जो इस समस्या को बढ़ा सकते हैं, उन्हें नियंत्रित रखें। चीनी या चीनी से बने उत्पादों और अधिक तली-भुनी चीजों का सेवन कम करें। थोड़ा-थोड़ा कर कई बार खाने का मतलब हर बार भरपेट भोजन-नाश्ता नहीं है। कभी एक फल, कभी सब्जी का सूप, स्प्राउट या चने का भूजा है। वजन कम करने के लिए जरूरत से दो-तीन सौ कम कैलोरी लेनी चाहिए। यदि पुरुष की कमर 90 और महिला की 80 सेंटीमीटर से ज्यादा हो तो लिवर की समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है।

    पटना समेत कई शहरों से लोगों ने डाक्‍टर से पूछे ऐसे सवाल 

    पाखाना के साथ खून आता है, क्या करें? विजय चौधरी पटना सिटी

    पाखाने के साथ खून आने के कई कारण हो सकते हैं। फिस्टुला के अलावा टीबी जैसे दूसरे रोग के कारण भी ऐसा होता है। इसके लिए आप कोलनोस्कोपी जांच कराने की जरूरत है। इससे पता चल जाएगा कि किस कारण पेट में रक्तस्राव हो रहा है। कारण के अनुरूप सर्जरी या दवाओं से उपचार करना होगा।

    लिवर में कोई समस्या नहीं है लेकिन लिवर एंजाइम एसजीपीटी व एसजीओटी हमेशा बढ़ा रहता है। अशोक कुमार सिंह, रुकनपुरा पटना

    बिना किसी समस्या के लिवर एंजाइम जांच रिपोर्ट बढ़ा होने का कारण फैटी लिवर, हेपेटाइटिस बी या सी, लंबे समय तक शराब सेवन आदि हो सकता है। पेट का अल्ट्रासाउंड करा कर किसी लिवर रोग विशेषज्ञ से मिलकर असामान्य लिवर जांच रिपोर्ट का कारण जानने और उसे दूर करने के लिए इलाज कराएं।

    गाल ब्लाडर की सर्जरी के दो साल हो गए पर पतले दस्त की समस्या बनी हुई है? अंजली पटना सिटी

    गाल ब्लाडर में कई जरूरी एंजाइम का भंडारण होता है। इसे निकालने के बाद सौ में से करीब 15 लोगों को लंबे समय तक पतले दस्त आदि की समस्या रहती है। लेकिन इसका कोई अन्य कारण तो नहीं है इसकी जांच कराना जरूरी है।सुबह उठने पर सिरदर्द और उल्टी के बाद ठीक होना माइग्रेन के लक्षण हैं किसी न्यूरोफिजिशियन से परामर्श करें।

    लंबे समय से पेट साफ नहीं होता, भूख नहीं लगना, जी मिचलाना, गैस आदि की समस्या रहती है। बीरेंद्र प्रसाद पटना, संजीव कुमार पटना

    भोजन में पर्याप्त मात्रा में रेशेदार सब्जियां या फल नहीं लेने, अधिक चिकनाईयुक्त खाना खाने, पानी या तरल पदार्थों के कम सेवन, नियमित रूप से व्यायाम नहीं करने के अलावा दर्द निवारक दवाओं के नियमित सेवन या गंभीर रूप से बीमार होने पर सामान्यत: ऐसी समस्या होती है। अन्य सभी समस्याएं पेट साफ नहीं हाेने के कारण हैं। ऐसे में खानपान व जीवनशैली में सुधार करने के साथ ईसबगोल या साफ्टोवैक लेना फायदेमंद होगा।

    इन्होंने भी पूछे सवाल : विरेंद्र सिंह आरा, कुश कुमार फतुहा, गौरीमाला पटना, विश्वास कुमार समस्तीपुर, सत्यनारायण बख्तियारपुर, नवीन कुमार पटना, आरबी गुप्ता पटनासिटी, सनद शर्मा जहानाबाद, सीताराम सिंह वैशाली, आद्या अध्येष्ठ शास्त्री नगर, तरुण कुमार आशियाना, दयानंद चौधरी कुर्जी, राजकुमार सिंह गोलारोड पटना, ज्ञानप्रकाश बाढ़, आशीष कुमार सिन्हा पटनासिटी, सत्यदेव सिंह बाढ़, केशरी देवी पटेलनगर, अमनकुमार सिंह बेउर, राकेश रंजन सिंह रामकृष्णा नगर आदि।