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    केसी त्यागी बोले : जदयू में कोई मतभेद नहीं, 27 के बाद शरद पर कार्रवाई!

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Sat, 19 Aug 2017 11:22 PM (IST)

    राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी में किसी तरह का मतभेद नहीं है। 16 राज्‍यों की कमेटी हमारे साथ है।

    केसी त्यागी बोले : जदयू में कोई मतभेद नहीं, 27 के बाद शरद पर कार्रवाई!

    पटना [जेएनएन]। जदयू की राष्‍ट्रीय कमेटी की बैठक के बाद पार्टी के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जदयू में कोई टूट नहीं है। पार्टी के 71 विधायक और 30 विधान पार्षद नीतीश कुमार के फैसले के पक्ष में हैं। शरद यादव पर के बारे में कहा कि 27 अगस्‍त के बाद उनके उपर कार्रवाई की जा सकती है।

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    केसी त्‍यागी ने आगे कहा कि 19 राष्ट्रीय पदाधिकारियों में से 16 बैठक में उपस्थित थे। 22 राज्यों में जदयू की इकाई है, जिसमें से 16 राज्यों के अध्यक्ष बैठक में मौजूद थे। जबकि केरल की इकाई ने वाम मोर्चा के साथ जाने का फैसला किया है। वहीं, महाराष्ट्र जदयू के अध्यक्ष अपने बेटे के इलाज के लिए लंदन गए हुए हैं।

    राज्यसभा में संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह, राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा एवं हरिवंश सिंह, राष्ट्रीय सचिव रवींद्र सिंह की मौजूदगी में त्यागी ने बताया कि नीतीश कुमार को एनडीए का संयोजक बनाए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव अभी नहीं आया है। इस संबंध में जदयू और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्षों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई फैसला लेंगे।

    यह पूछे जाने पर कि क्या जदयू केंद्र की सरकार में भी भागीदार बनेगा, त्यागी ने कहा कि जदयू अब एनडीए का हिस्सा है। ऐसा कोई आफर आया तो क्या एतराज हो सकता है?

    शरद पर होगी सख्त कार्रवाई
    केसी त्यागी ने कहा कि अगर 27 अगस्त को राजद की रैली में शरद यादव शामिल होंगे तो वे लक्ष्मण रेखा क्रास करेंगे। साथ ही वह अपनी गरिमा और रुतबा भी नष्ट कर देंगे। वैसे भी उनके रवैये को देख कर लगता है कि उन्होंने जदयू को स्वेच्छा से त्याग दिया है।

    वह भ्रष्टाचार में लिप्त राजद के साथ खड़े हैं। राजद के शीर्ष नेताओं पर ईडी, इनकम टैक्स, डीआरआइ आदि कार्रवाई कर रही है। धर्मनिरपेक्षता की बातें करने वाले वह दिन याद करें जब वीपी सिंह की सरकार थी, और नीतीश कुमार मंत्री थे।

    लालकृष्ण आडवाणी रथ यात्रा लेकर निकले थे, लेकिन धर्मनिरपेक्षता से हम लोगों ने समझौता नहीं किया और सरकार कुर्बान कर दी थी।

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    शरद जी भ्रष्ट्राचार और परिवारवाद के जनक के साथ चले गए थे। अब वे लालू के साथ खड़े होकर शरद अपनी गरिमा खत्म करेंगे। उन्‍होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर भी सवाल उठाये थे। काफी समय से वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे, इसलिए उन्‍हें राज्यसभा में नेता पद से हटाना जरूरी हो गया था।

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