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    आस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ गेम्स में भोजपुरी गीत-संगीत प्रस्‍तुत करेंगी ये गायिका

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Tue, 09 Jan 2018 11:52 PM (IST)

    अगले माह से ऑस्‍ट्रेलिया में शुरू होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में भोजपुरी की मशहूर लोक कलाकार कल्‍पना गीत-संगीत प्रस्‍तुत करेंगी। भिखारी ठाकुर रचित गीतों में नई जान डालेंगी।

    आस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ गेम्स में भोजपुरी गीत-संगीत प्रस्‍तुत करेंगी ये गायिका

    आरा [जेएनएन]। अगले महीने फरवरी में आस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाला कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 भोजपुरी व भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर के लिए खास व अहम साबित होने वाला है। भोजपुर, भोजपुरी व भिखारी ठाकुर से तनिक भी संबंध रखने वाले तब बहुत ही गौरवान्वित होंगे, जब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उनकी कालजयी रचनाओं की स्वर लहरियां जीवंत हो उठेंगी।

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    आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन क्वींसलैण्ड गोल्ड कोस्ट में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन समिति ने भोजपुरी के मशहूर लोक कलाकार कल्पना पटवारी को आमंत्रित किया है। कल्पना भिखारी ठाकुर रचित गीतों में नई जान डालेंगी। साथ ही आसामी लोक संगीत को भी प्रस्तुत करेंगी। इस आशय की जानकारी कल्पना ने दूरभाष से दी।

    कल्‍पना ने बताया कि यह उनके लिए चौथा मौका है जब भोजपुरी गीत-संगीत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का सौभाग्य मिला है। इसके पहले 'लिजेंसी ऑफ भिखारी ठाकुर' को मॉरिशस में प्रस्तुत करने का मौका मिला था। इसका लोकार्पण मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने किया था। इसके बाद लैटिन अमेरिका में, फिर नार्वे में भिखारी ठाकुर के गीतों को प्रस्तुत करने का मौका मिला।

    कल्पना ने बताया कि आज के दौर में भोजपुरी लोक संगीत की प्रासंगिकता बढ़ी है। इसे वैश्विक मंचों पर खूब पसंद किया जा रहा है। ऐसे में भोजपुरी के माध्यम से भिखारी ठाकुर के रचनाओं की प्रस्तुति कर मैं बहुत ही गौरवान्वित होती हूं ।

    बता दें कि कल्पना पटवारी मूल रूप से असम प्रांत की रहने वाली है। भोजपुरी गीत-संगीत से उनका जुड़ाव वर्ष 2002 में तब हुआ जब टी सीरीज कंपनी ने बाबा बैद्यनाथ के गीतों भंगिया ना पिसाई ए गणेश के पापा, भैरोजी के दीदीया, जैसे इनके गानों को लांच किया। तब ये गाने खूब चले थे। कल्पना ने 30 भाषाओं में दस हजार से भी ज्यादा गीतों को अपनी सुरीली आवाज दी है।

    कल्पना ने यह भी बताया कि भिखारी ठाकुर को अपना आदर्श व भूपेन हजारिका के लोक संगीत को अपना परवरिश करने वाला मानती हूं। भूपेन हजारिका के सामाजिक सरोकार और चिंतन की तलाश के क्रम में ही आरा के बखोरापुर काली मंदिर में एक कार्यक्रम के दौरान ही मेरी मुलाकात रामाज्ञा राम से हुई जो भिखारी ठाकुर के नाच मंडली की एक अहम किरदार थे। वहीं से कल्पना का जुड़ाव भिखारी ठाकुर से हो गया। उसी की परिणति के रूप में वर्ष 2012 में 'द लिजेंसी ऑफ भिखारी ठाकुर' की प्रस्तुति हुई। हाल में 'एंथोलौजि ऑफ बिरहा' भी तैयार हुई है। जो बिरहा के विभिन्न स्वरूपों पर आधारित है।

    अश्लील गीत प्रस्तुत करने वालों पर प्रहार करते हुए कल्पना ने कहा कि वैसे कलाकार भोजपुरी की महत्ता व प्रासंगिकता को खत्म करना चाहते हैं। ये भोजपुरी के लिए भी खतरा हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बढ़ी भोजपुरी के महत्व को ले भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूचि में भोजपुरी भाषा को जोड़े जाने के प्रति भी कल्पना सकारात्मक उम्मीद रखती हैं।