हंगामे के चलते विधानसभा स्थगित, मांझी ने की दोबारा चुनाव की मांग
राजनीतिक उठापटक के बाद जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बिहार विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है।
पटना। हंगामे के चलते बिहार विधानसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। बीजेपी विधायक जदयू के मुख्य सचेतक विजय चौधरी के अभिभाषण का विरोध करने लगे। बीजेपी विधायकों ने कहा कि यहां कोई डिबेट नहीं चल रहा है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने विधानसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। राजनीतिक उठापटक के बाद जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बिहार विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है। सूत्रों की माने तो राज्यपाल को सौंपे त्याग पत्र के बाद मांझी ने दोबारा चुनाव कराने की मांग की है। हालांकि फिलहाल उक्त बात की राजभवन की ओर से पुष्टि नहीं हो सकी है।
वहीं मांझी के इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की। दोनों लोगों के बीच नए राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा हुई। इसके साथ ही नीतीश ने समर्थक विधायकों को अपने आवास पर बुलाया है। नीतीश उनके साथ राजभवन की ओर मार्च कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री पद से जीतन राम मांझी के इस्तीफा देते ही बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मांझी को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। उन्होनें कहा कि मांझी ने निर्णय लेने में देर की। वहीं अली अनवर ने तंज कसते हुए कहा कि मंडप से दूल्हा गायब हो गया है, बैंड पार्टी के लोग ही रह गए हैं। अशोक चौधरी ने राज्पाल से पूछा कि अगर स्थिति की जानकारी थी तो बिहार को अंधेरे में क्यों रखा गया। राजद विधायक दल के नेता सिद्दिकी ने कहा कि नीतीश और बीजेपी को मांझी ने धोखा दिया। यह काम उन्हें पहले ही कर लेना चाहिए था।
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