जीतन राम मांझी इन 'चुनौतियों' से जूझकर पार लगाएंगे NDA की नैया? क्या Lalu Yadav कर देंगे 'खेला'
Jitan Ram Manjhi गया लोकसभा क्षेत्र के 2019 आम चुनाव के आंकड़े पर गौर करें तो यह बात सामने आती है कि पक्ष और विपक्ष दोनों के उम्मीदवारों के लिए वहां वोटों का बिखराव सबसे बड़ा मुद्दा है। यह बिखराव हार-जीत तय करने में सबसे बड़े फैक्टर के रूप में है। इस बार महागठबंधन से लालू यादव की राजद के पाले में गया सीट गई है।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Jitan Ram Manjhi : गया (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र के पिछले यानी 2019 के आम चुनाव के आंकड़े पर गौर करें तो यह बात सामने आती है कि पक्ष और विपक्ष दोनों के उम्मीदवारों के लिए वहां वोटों का बिखराव सबसे बड़ा मुद्दा है। यह बिखराव हार-जीत तय करने में सबसे बड़े फैक्टर के रूप में है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गया का फैसला 1.52 लाख, 426 वोटों से हुआ था। जदयू के उम्मीदवार विजय कुमार को 4.67 लाख, सात वोट आए थे। वहीं, उनके निकटतम मुकाबले में रहे हम के प्रत्याशी जीतन राम मांझी को 3.14 लाख, 587 वोट आए थे।
दिलचस्प बात यह रही कि वहां से मैदान में उतरे 11 प्रत्याशियों और नोटा के 30 हजार वोट को अगर जोड़ लें तो वोटों की यह संख्या 1.75 लाख, 660 थी। वोटों का यह बड़ा बिखराव था।
वोटाें के बिखराव का निहतार्थ इस मायने में है कि यह न तो जीतने वाले के काम में आए और न ही निकटतम प्रतिद्वद्वी को इससे कोई फायदा हुआ।
इस बार भी गया (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र से 22 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था जिनमें 15 के पर्चे सही पाए गए हैं।
एनडीए और महागबंधन के प्रत्याशी को यह स्पष्ट करना भी उनकी प्राथमिकता में हैं कि वे अपनों मतों को इधर-उधर डालकर बर्बाद नहीं करें। मुकाबले में जो हैं वही उनके केंद्र में रहे। नोटा का बटन अपने मत को बर्बाद करने की बात है।
दस से बीस हजार वोट पाने वाले उम्मीदवार की संख्या आठ थी
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वोटों के बिखराव की तस्वीर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 11 में आठ उम्मीदवार ऐसे थे, जिन्हें 20 से 10 हजार के बीच वोट आए। अगर यह वोट मुकाबले में रहे प्रत्याशियों को आ जाता तो इसका परिणाम पर असर स्वाभाविक था।
विजय कुमार चौधरी नाम के एक प्रत्याशी को गया में 23,462 वोट मिले। शिवशंकर को 20,464, राजेश कुमार पासवान को 11,671, दयानंद राजवंशी को 14.553, प्रकाश चंद्र को 11, 165, उमेश रजक को 10,398 व दिलीप कुमार को 13.031 वोट मिले थे।
दलीय प्रत्याशी इस वोटों के बिखराव पर अपने को केंद्रित नहीं कर पाए। इन आठ लोगों में ज्यादातर संख्या निर्दलीय प्रत्याशी की थी।
नोटा काे रोकना भी महत्वपूर्ण
गया लोकसभा क्षेत्र में नोटा को रोकना भी दोनों गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2019 के चुनाव में यहां 30 हजार वोटरों ने नोटा पर बटन दबा दिया था।
राजद के खाते में गई गया लोकसभा सीट
बिहार में महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है। लालू यादव के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल को 26 सीटें मिली हैं तो वहीं कांग्रेस को 9 सीटें मिली है। वहीं, राजद के खाते में गया लोकसभा सीट गई है। ऐसे में इस पर लालू यादव उलटफेर कर सकते हैं।
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