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    Bihar Jeevika Didi: महिलाओं की आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार बना जे-वायर्स, इस कंपनी में 60 महिलाएं हैं शेयरधारक

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 06:52 PM (IST)

    जीविका गया जिले के डोभी प्रखंड में जे-वायर्स के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रही है। यह संस्था महिलाओं को सौर ऊर्जा से जोड़कर स्वरोजगार के अवसर दे रही है। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सोलर मार्ट खोलकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। संस्था एलईडी बल्ब का उत्पादन भी कर रही है। नाबार्ड ने रू-टैग स्मार्ट विलेज सेंटर का उद्घाटन किया जो रोजगार सृजन में मदद करेगा।

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    जीविका दीदीयों से बात करते सीएम नीतीश कुमार। (फोटो-एक्स)

    डिजिटल डेस्क, पटना। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जीविका लगातार नई पहल कर रही है।

    इसी कड़ी में गया जिले के डोभी प्रखंड में जनवरी 2020 में स्थापित जीविका वीमेन इनिशिएटिव रिन्यूएबल इंजॉइन एंड सॉल्यूशन (जे-वायर्स) आज हजारों महिलाओं के लिए नई पहचान और आत्मविश्वास का प्रतीक बन चुका है।

    अक्षय ऊर्जा पर आधारित यह संस्था महिलाओं को सौर ऊर्जा और ऊर्जा-कुशल उत्पादों से जोड़कर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है। सौर दुकानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि समाज में उद्यमशीलता की नई मिसाल भी पेश कर रही हैं।

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    जीविका स्वयं सहायता समूह की 60 महिलाएं शेयरधारक

    वर्तमान में जे-वायर्स एक बहुआयामी कंपनी के रूप में कार्यरत है, जो इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर उत्पादों के निर्माण, असेंबलिंग और विपणन से जुड़ी है। इसमें जीविका स्वयं सहायता समूह की 60 महिलाएं शेयरधारक हैं। संस्था का लक्ष्य है कि आने वाले समय में यह संख्या बढ़कर 200 तक पहुंचे।

    अब तक गया, नवादा, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण और भोजपुर जिलों के 57 प्रखंडों में 400 से अधिक सोलर मार्ट खोले जा चुके हैं। यहां दीदियों को सौर और ऊर्जा-कुशल उत्पादों की बिक्री का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्थायी रोजगार से जोड़ा गया है।

    सोल्स परियोजना के अंतर्गत 17.69 लाख से अधिक सोलर स्टडी लैंप वितरित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 2,500 महिलाएं ‘सोलर दीदी’ के रूप में प्रशिक्षित होकर ग्रामीण ऊर्जा क्रांति की अग्रदूत बनी हैं।

    एलईडी बल्ब का उत्पादन भी प्रारंभ

    संस्था ने अपने ब्रांड के तहत एलईडी बल्ब का उत्पादन भी प्रारंभ कर दिया है। इस वित्तीय वर्ष में सौर दुकानों की संख्या 650 तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

    जे-वायर्स के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं न केवल आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर रही हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा के प्रसार में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।

    गांव-गांव में सौर ऊर्जा का उजियारा फैलाकर यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है और समाज को एक नई दिशा दे रही है।

    2 सितम्बर 2025  को रू-टैग स्मार्ट विलेज सेंटर (RSVC) का भव्य उद्घाटन जे-वायर्स कार्यालय, डोभी में किया गया।

    उद्घाटन समारोह में अजय साहू, महाप्रबंधक (GM), नाबार्ड, उदय कुमार, सहायक महाप्रबंधक (AGM), नाबार्ड तथा विमल कुमार, निदेशक, फिनोविस्टा ने संयुक्त रूप से फीता काटकर केंद्र का शुभारंभ किया।

    यह केंद्र ग्रामीण समुदायों के लिए रोज़गार सृजन का अहम माध्यम बनेगा। यहां स्थानीय लोगों को प्रौद्योगिकी-आधारित कौशल, आधुनिक उपकरणों एवं उद्यमशीलता के अवसरों से जोड़ा जाएगा।

    साथ ही, केंद्र का उद्देश्य क्षमता निर्माण और सामुदायिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देना है, जिससे क्षेत्र में दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक मजबूती और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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