JEE Advanced: एक जैसी रैंक पर एक से अधिक हुए दावेदार, तो सभी का होगा नामांकन
किसी ब्रांच में एक ही सीट बची हो और एक जैसे रैंक वाले दावेदारों की संख्या तीन हो तो उनकी पसंदीदा ब्रांच में सीट देने के लिए अतिरिक्त सीट (सुपर न्यूमेर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। जेईई एडवांस या मेन-2025 मेधा के तहत एक जैसी रैंक वाले दो या इससे अधिक दावेदार हुए, तो भी का नामांकन होगा। यदि किसी ब्रांच में एक ही सीट बची हो और एक जैसे रैंक वाले दावेदारों की संख्या तीन हो, तो उनकी पसंदीदा ब्रांच में सीट देने के लिए अतिरिक्त सीट (सुपर न्यूमेररी सीट) जोड़ी जाएगी।
जेईई मेन की मेरिट में एक जैसी रैंक वाले दो या इससे अधिक दावेदार हुए और उसी सीट पर नामांकन की मांग करेंगे, तो एनआइटी, आइआइआइटी समेत 128 अन्य शिक्षण संस्थानों में भी अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएगी। अतिरिक्त सीट जोड़ने पर किसी भी आरक्षित वर्ग की सीट में कोई कटौती या छेड़छाड़ नहीं होगी।
आरक्षित वर्ग के किसी विद्यार्थी को किसी तरह से सीट का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। बताया जाता है कि जेईई मेन-2025 की मेरिट में कई अभ्यर्थी को टाइ ब्रेक में एक जैसी रैंक मिली है। अतिरिक्त सीट के इस फार्मूले का लाभ इन सभी को मिलेगा। उन्हें भी मेरिट के आधार उस रैंक को आवंटित पसंदीदा ब्रांच में नामांकन मिल जाएगा।
उदाहरण के लिए, आइआइटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग शाखा में 40 सीटें हैं। जेईई एडवांस मेरिट में 55 छात्रों को टाई-ब्रेक नियम के तहत एक जैसा रैंक मिला हो और सभी छात्र इसी ब्रांच में दाखिला लेना चाहेंगे, तो जोसा प्रबंधन 15 अतिरिक्त सीटें ईजाद कर उन्हें सीट आवंटित करेगा।
आइआइटी समेत 128 उच्च शिक्षण संस्थानों में जोड़ी गई सीटें
आइआइटी, आइआइएससी बेंगलुरु, एनआइटी, आइआइआइटी समेत 128 उच्च शिक्षण संस्थानों में बीटेक, बीइ, बीप्लान, बीआर्क पाठ्यक्रमों में ये अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएगी। ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथोरिटी (जोसा) काउंसिलिंग के बिजनेस रूल में इसका प्रावधान किया गया है। इससे एक जैसे रैंक वाले में से किसी के साथ भी भेदभाव नहीं होगा। हालांकि, रैंक जेईई एडवांस व जेईई मेन-2025 की मेरिट के तहत अलाटमेंट में आना जरूरी है। 2,916 सीटें इस साल बढ़ीं उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्ष 2025 में 62,853 सीटें हैं, जबकि वर्ष 2024 में 59,937 सीटें थीं।
- आइआइटी में 18,160 सीटें
- एनआइटी में 24,525 सीटें
- आइआइआइटी में 9,940 सीटें
- अन्य वित्तपोषित संस्थानों में 10,228 सीटें

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