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    JDU की जिम्मेदारी से ललन सिंह की होगी छुट्टी? 2024 से पहले Nitish Kumar के सामने बड़ी सियासी उलझन

    Bihar Politics बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज होने की पटकथा लिख दी गई है। यह हलचल जदयू में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर है। लोकसभा चुनाव से पहले जदयू की ये कवायद कई मायनों में अहम है। इसकी वजह से सियासी समीकरण भी बदल सकते हैं। ऐसे में जदयू को अंदरूनी तालमेल की बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

    By Jagran News Edited By: Yogesh Sahu Updated: Mon, 25 Dec 2023 09:25 PM (IST)
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    JDU में नेतृत्व परिवर्तन तय, जनवरी की ठंड में भी गर्मी का एहसास कराएगी बिहार में बदलती सियासी हवा

    अरविंद शर्मा, नई दिल्ली/पटना। बिहार में जनवरी की ठंड में भी पहला पखवाड़ा सियासी रूप से गर्म होने वाला है। तीन दिन बाद दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय महत्व की बड़ी बैठक होने जा रही है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह बिहार की राजनीति के लिए निर्णायक साबित होगी।

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    विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के घटक दलों के बीच बिहार में सीटों की दावेदारी और बंटवारे के लिए आमने-सामने की बातचीत का रास्ता इसके बाद से ही आगे बढ़ेगा। किंतु इसके पहले जदयू एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजरने वाला है, जो बिहार की राजनीति के हिसाब से बड़ा निर्णय हो सकता है।

    दिल्ली में 28-29 दिसंबर को होने वाली जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं कार्य परिषद की बैठक के दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के मुक्त होने का संयोग बन चुका है।

    भाजपा से निकटता के चलते आरसीपी सिंह को हटाकर ललन सिंह 31 जुलाई 2021 को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी गई थी। दूसरी बार पांच दिसंबर को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित किया गया था। अब उन्होंने स्वयं ही अपने पद का त्याग करने की इच्छा जताई है।

    ललन ने किया आग्रह

    सूत्रों के अनुसार, ललन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना है और इसी दौरान विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे के लिए भी उन्हें सक्रिय रहना होगा। बैठकों में बार-बार जाना पड़ेगा।

    ऐसी स्थिति में पार्टी की राष्ट्रीय जिम्मेवारी और अपनी चुनावी तैयारियों के साथ वह न्याय नहीं कर पाएंगे। सूत्रों का दावा है कि ललन सिंह के आग्रह को लगभग मान लिया गया है। नीतीश कुमार के बेहद आत्मीय ललन सिंह अभी मुंगेर से सांसद हैं। इसके पहले राज्यसभा एवं बिहार विधान परिषद के भी सदस्य रह चुके हैं।

    नीतीश को मिल सकती है जिम्मेदारी

    बिहार में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, उनके बाद जदयू के नए अध्यक्ष के बारे में सूत्रों का कहना है कि अभी तय नहीं है, किंतु हालात बता रहे हैं कि नीतीश कुमार के पास यह जिम्मेवारी आ सकती है।

    अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाने लगा है। बिहार सरकार के मंत्री एवं वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी एवं राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर सहित अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है।

    गठबंधन में बदलाव नहीं

    जदयू में नेतृत्व परिवर्तन की कवायद के आधार पर बिहार की राजनीति में कई बड़ी-बड़ी बातें भी होने लगी हैं। नीतीश कुमार के प्रति बिहार भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाओं में हाल में आई नरमी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद का पक्ष लेते हुए ललन सिंह के कुछ बयानों के आधार पर महागठबंधन में परिवर्तन की बातें भी उछाली जाने लगी हैं।

    किंतु जदयू से जुड़े सूत्र इस तरह की संभावनाओं को खारिज करते हैं। सूत्रों का कहना है कि जदयू में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों के आधार पर ही इस तरह की बातों को हवा दी जा रही है।

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