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    जातीय जनगणना पर जदयू ने राजद को घेरा, राजीव रंजन बोले- सवाल उठाना RJD और कांग्रेस की अवसरवादिता

    Updated: Tue, 10 Jun 2025 07:12 AM (IST)

    जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने जाति आधारित गणना पर राजद की आलोचना का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राजद ने अपने शासनकाल में कभी जाति आधा ...और पढ़ें

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    जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद। (फोटो जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना।  जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को जाति आधारित गणना के तौर-तरीके पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

    उन्होंने कहा कि हमेशा से पिछड़ों, अति पिछड़ों और दलितों की हकमारी करने वाले राजद ने साल 1990 से लेकर साल 2005 तक बिहार पर शासन किया, लेकिन इस दौरान लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की सरकार ने कभी भी बिहार में जाति आधारित सर्वे कराने का फैसला नहीं लिया।

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    जदयू प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में बिहार में जाति आधारित सर्वे का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर जरुरतमंदों को उसकी आबादी के अनुरुप आरक्षण का लाभ देने का काम किया गया।

    हालांकि, आरक्षण की नई व्यवस्था न्यायालय के विचाराधीन है। लेकिन, आशा है कि सरकार को इसमें निश्चित सफलता मिलेगी।

    उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां जहां जाति को चुनावी राजनीतिक हथियार के रूप में उपयोग करती हैं, वहीं नीतीश कुमार ने जाति को विकास की इकाई के रूप में चिह्नित कर समाज के संतुलित, समग्र एवं समेकित विकास सुनिश्चित करने का प्रयास किया।

    उन्होंने कहा कि जाति आधारित सर्वे कराकर उन्होंने जहां गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले 94 लाख परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया।

    राजीव रंजन ने कहा कि राजद और कांग्रेस ने हमेशा सामाजिक न्याय की बातें तो कीं, लेकिन जब उन्हें अवसर मिला तब उन्होंने जातीय आंकड़ों को सामने लाने की ईमानदार कोशिश नहीं की। यह उनकी राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दर्शाता है।