Bihar Politics: नंबरों का गेम शुरू, बिहार में इतनी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है नीतीश कुमार की जदयू
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए की राज्य स्तरीय बैठक जल्द होने वाली है। इससे पहले जदयू अपनी कोर कमेटी की बैठक में सीटों की संख्या पर फैसला करेगी जिसके लिए 100 से 110 सीटों पर दावेदारी की जा सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में यह निर्णय लिया जाएगा। उम्मीदवारों की सूची जिला सम्मेलनों में सक्रियता के आधार पर तैयार की गई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव को केंद्र में रख एनडीए के राज्य स्तरीय नेताओं की बैठक हफ्ते भर के भीतर होनी है। इस महत्वपूर्ण बैठक के पूर्व जदयू नेतृत्व अपनी कोर कमेटी की बैठक करेगा। उस बैठक में सामूहिक सहमति से यह तय होना है कि एनडीए की बैठक में जदयू किस मोड में अपने को आगे करेगा। जदयू की कोर कमेटी की एक बैठक इसके पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हो चुकी है।
सीटों की संख्या को लेकर होना है महत्वपूर्ण निर्णय
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, जदयू की कोर कमेटी की बैठक में इस बात पर मुहर लगनी है कि जदयू कितनी सीटों पर अपनी दावेदारी एनडीए के भीतर रखेगा। यह कहा जा रहा कि यह संख्या 100 से 110 सीटों के बीच की होगी।
जदयू के प्रदेश नेतृत्व ने इस संख्या के लिहाज से सीटों को चिह्नित किया हुआ है। सीटें वहीं हैं जिस पर जदयू के विधायक हैं और पूर्व के चुनाव में जदयू को उन सीटों पर जीत मिल चुकी है। कोर कमेटी के निर्णय के बाद उसके बारे में एनडीए की बैठक में इस पर विमर्श होना है।
इनकी मौजूदगी में जदयू लेगा अपना निर्णय
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सीटों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में होने वाली बैठक में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी तथा जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की मौजूदगी रहेगी। इसी बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि एनडीए की बैठक में जदयू कितनी सीटों पर अपनी दावेदारी करेगा।
जिला सम्मेलनों में सक्रियता के आधार पर बनी है सूची
जदयू ने अपनी सीटों व प्रत्याशियों की सूची हाल ही में संपन्न जिला स्तरीय एनडीए सम्मेलन के आधार पर तैयार की है। जदयू नेतृत्व ने यह तय कि्या हुआ है कि इस बार संभावित प्रत्याशियों से किसी तरह का आवेदन चुनाव लड़ने के लिए नहीं लिया जाएगा।
जदयू नेतृत्व को संभावित प्रत्याशियों को सूची उनकी सक्रियता का आकलन कर सौंपी जानी है। इस क्रम में स्थानीय स्तर के सामाजिक समीकरण का विशेष रूप से ख्याल रखा जाएगा।
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