हटाए नहीं गए हैं जदयू के चार जिलाध्यक्ष; कार्यकारी अध्यक्षों पर प्रदेश नेतृत्व ने क्या रखा तर्क? परिवाद पर हुई चर्चा
जदयू के चार जिलाध्यक्षों को अभी तक हटाया नहीं गया है। प्रदेश नेतृत्व ने कार्यकारी अध्यक्षों के संबंध में अपनी बात रखी है। इस मामले पर परिवाद पर भी ...और पढ़ें

चार जिलाध्यक्षों ने रखी अपनी बात। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के प्रदेश नेतृत्व ने शुक्रवार को जिन चार संगठन जिलों में जिलाध्यक्ष के समानांतर कार्यकारी अध्यक्ष बनाए थे वहां के अध्यक्षों ने प्रदेश नेतृत्व के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
बगहा, पूर्वी चंपारण, बेगूसराय व भोजपुर में जदयू नेतृत्व ने कार्यकारी अध्यक्ष बनाए हैं। इन जिलों में काम कर रहे जिलाध्यक्षों पर विधानसभा चुनाव के समय पार्टी व गठबंधन के लिए सक्रिय नहीं रहने का आरोप था।
जदयू नेतृत्व का कहना है कि जिन चार संगठन जिलों में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं और वहां अभी जो जिलाध्यक्ष हैं उन्हें पदमुक्त किए जाने का आदेश जारी नहीं हुआ है।
चारों जिलाध्यक्षों को पार्टी कार्यालय बुलाया गया था। उनके खिलाफ जो आरोप थे उस पर उनके साथ चर्चा हुई। परिवाद में संबंधित प्रत्याशी व कुछ अन्य लोगों ने दल के नेतृत्व को आवेदन दिए थे।
आरोप में यह तथ्य प्रमु्खता से है कि दल व गठबंधन के प्रत्याशी ने जब जिलाध्यक्ष को चुनाव कार्य को केंद्र में रख बुलाया तो वे नहीं आए। जनसंपर्क अभियान में भी उनकी सक्रियता नहीं रही।
जिन जिलाध्यक्षों पर इस प्रकृति के परिवाद थे उन्होंने इसकी सुनवाई के लिए गठित कमेटी के समक्ष अपनी बात कही है। कमेटी ने भी अंतिम निर्णय नहीं लिया है। स्थानीय स्तर पर भी रिपोर्ट मंगा ली गई है।
जदयू जिलाध्यक्षों के समानांतर नए कार्यकारी जिलाध्यक्ष बनाए जाने के संबंध में पार्टी का कहना है कि संगठन का काम देखने के लिए यह व्यवस्था की गयी है। पूर्व में भी ऐसा होता रहा है। वर्तमान में भी कुछ जिलों में अध्यक्ष के साथ-साथ कार्यकारी अध्यक्ष काम कर रहे हैं।
सदस्यता अभियान में जदयू का फोकस आधी आबादी व युवाओंं पर
जदयू ने अपने सदस्यता अभियान में आधी आबादी व युवाओं पर विशेष रूप से फोकस किया है। पार्टी ने इस बार के सदस्यता अभियान में एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया हुआ है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि कार्यकर्ताओं से यह अपील की गयी है कि पूरे मनोयोग से सदस्यता अभियान में लगें। हर हाल में एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य तय हासिल करना है।
प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता इस अभियान से सीधे तौर पर जोड़े गए हैं। जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनका दल देश का इकलौता राजनीतिक दल है, जो समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने और समाज के अंतिम पंक्ति तक खड़े लोगों के कल्याण की नीति पर है।
नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में जदयू का हर कार्यकर्ता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डा. अंबेडकर, जननायक कर्पूरी ठाकुर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और डा. लोहिया के सिद्धांतों पर चलते हुए बेहतर समाज के निर्माण के प्रति संकल्पित है।
सत्ता की बागडोर संभालने के बाद नीतीश कुमार जनसेवा और सुशासन के मार्ग पर चलते हुए बिहार के विकास को नई दिशा देने के साथ-साथ पिछड़े और वंचित समाज को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। नीतीश कुमार के कार्यों को सभी तक पहुंचाना लक्ष्य है।

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